संभल में मस्जिद के सर्वे का विरोध, पथराव में 3 युवकों की मौत

संभल में रविवार को डीएम और एसपी के नेतृत्व में एक टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची थी। इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इसका विरोध किया।

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Sourabh Bhatnagar
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उत्तर प्रदेश के संभल में रविवार को डीएम और एसपी के नेतृत्व में एक टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची। जैसे ही यह खबर फैली, मुस्लिम समुदाय के लोग आक्रोशित हो गए। उनका कहना था कि छुट्टी के दिन इतनी सुबह सर्वे क्यों किया जा रहा है। हिंसा के दौरान भगदड़, पथराव और आगजनी की घटनाएं हुईं। इस दौरान कई लोगों के घायल होने की खबर है। जानाकरी के अनुसार, संभल में  स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है, और क्षेत्र में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है।

फायरिंग और पथराव में 3 युवकों की मौत 

मौके पर मौजूद पुलिसबल ने भीड़ को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस छोड़ी। हवाई फायर भी किया गया। काफी देर तक हालात तनावपूर्ण रहे। अधिकारियों के अनुसार पथराव होने पर पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी। पुलिस फोर्स ने उग्र लोगों को दौड़ाया। इस बीच वाहनों में भी आग लगा दी गई। आसपास के जिलों से फोर्स बुलाई गई। फायरिंग और पथराव में 3 युवकों की मौत हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी संभल के हालात पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने डीजीपी प्रशांत कुमार से जानकारी ली और उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।

उग्र भीड़ ने सड़क पर खड़े कई वाहनों को फूंक दिया। इसमें ज्यादातर सरकारी वाहन थे।

पुलिस पर हुआ पथराव

कुछ ही देर में करीब एक हजार से अधिक लोग जामा मस्जिद के बाहर जमा हो गए। भीड़ ने मस्जिद के अंदर जाने का विरोध किया। पुलिस ने स्थिति संभालने का प्रयास किया, लेकिन कुछ लोगों ने पथराव शुरू कर दिया, जिससे भगदड़ मच गई।

एसपी ने गन उठाकर भीड़ को खदेड़ा

संभल के एसपी कृष्ण कुमार ने हालात पर काबू पाने के लिए खुद गन उठाई और उग्र भीड़ को खदेड़ दिया। जामा मस्जिद के आसपास करीब 200 मीटर के दायरे में हिंसा की घटनाएं हुईं। जगह-जगह पथराव इतना हुआ कि गलियां पत्थरों से भर गईं।  

डिप्टी कलेक्टर और पुलिसकर्मी घायल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पथराव में डिप्टी कलेक्टर रमेश बाबू घायल हो गए, उनके पैर में चोट आई। इसके अलावा, कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।

 

पुलिस ने किया लाठीचार्ज

पथराव के बाद पुलिस को पीछे हटना पड़ा। तुरंत अतिरिक्त फोर्स बुलाई गई। हालात काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। इसके बावजूद भीड़ से पथराव जारी रहा।

कोर्ट ने एक हफ्ते में सर्वे रिपोर्ट मांगी थी

यह सर्वे कोर्ट के आदेश पर किया जा रहा था। 19 नवंबर को हिंदू पक्ष द्वारा दाखिल याचिका में शाही जामा मस्जिद को श्री हरिहर मंदिर बताया गया था। कोर्ट ने मस्जिद का सर्वे कराकर 26 नवंबर तक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे।  

सर्वे टीम में थे वरिष्ठ अधिकारी और वकील 

टीम में डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया, एसपी कृष्ण बिश्नोई, हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन और सरकारी वकील प्रिंस शर्मा शामिल थे। सुरक्षा के लिए पहले से पीएसी और आरआरएफ की तैनाती की गई थी।  

19 नवंबर को भी हुआ था सर्वे

कोर्ट के आदेश के चार घंटे बाद 19 नवंबर को प्रशासन ने पहली बार मस्जिद का सर्वे किया था। इसके बाद रविवार को फिर से सर्वे की कार्रवाई की गई। हिंदू पक्ष का दावा है कि 1529 में बाबर के शासनकाल में इस मंदिर को मस्जिद में परिवर्तित किया गया था। 

सख्त कार्रवाई होगी  

संभल के डीएम राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि सर्वेक्षण टीम का कार्य पूरा हो चुका है और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। उन्होंने कहा, स्थिति अब नियंत्रण में है। शरारती तत्वों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। 

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