उत्तराखंड भारी वर्षा-भूस्खलन, चारधाम यात्रा मार्ग पर चार हजार तीर्थयात्री फंसे, सात हजार को बचाया

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BP Shrivastava
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 उत्तराखंड भारी वर्षा-भूस्खलन, चारधाम यात्रा मार्ग पर चार हजार तीर्थयात्री फंसे, सात हजार को बचाया

New Delhi. उत्तर भारत में तीन दिन लगातार हुई मूसलधार वर्षा और भूस्खलन के कारण जन-जीवन अस्त-व्यस्त है। हालांकि मंगलवार (11 जुलाई) को धूप खिलने से कुछ राहत मिली और सभी राज्यों में राहत कार्यों में तेजी आई। हरियाणा के हथिनी कुंड से लगातार पानी छोड़े जाने से यमुना का जल स्तर 206 मीटर को पार कर गया। ऐसे में लोहे के पुल से ट्रेनों की आवाजाही बंद कर दी गई है। उत्तराखंड के देहरादून में वर्षा ने 56 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया, जबकि भूस्खलन के चलते आठ लोगों की मौत हुई है। उत्तरकाशी में चारधाम मार्गों पर मलबा आने से करीब 4000 तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। विभिन्न स्थानों से सात लोगों को बचाया गया है। पंजाब में कई नदियों के उफान पर होने से कई गांवों और कालोनियों में पानी घुस गया है। हरियाणा में कई राजमार्ग बंद किए गए हैं। 





उत्तराखंड में रेड अलर्ट, हिमाचल के तीन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी





स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने बताया कि मानसून की अक्षीय रेखा, जो अभी दिल्ली के उत्तर में है, सप्ताह के अंत में वापस दिल्ली के दक्षिण में शिफ्ट हो जाने के आसार हैं। इससे एक बार फिर दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में अच्छी बरसात हो सकती है। हालांकि, पंजाब और हरियाण में बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार (12 जुलाई से 14 जुलाई तक) को मौसम लगभग सामान्य रहेगा। उत्तराखंड में बुधवार (12 जुलाई) को भी भारी बारिश के आसार हैं। इसे लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। हिमाचल में भी शिमला, सिरमौर और किन्नौर जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है।





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उत्तराखंड में वर्षा ने तोड़ा 56 वर्ष का रिकार्ड





उत्तराखंड में देहरादून समेत आसपास के क्षेत्रों में पांच दिन से लगातार वर्षा हो रही है। मगर देहरादून में सोमवार रात से मंगलवार तक 24 घंटे के भीतर 207 मिमी वर्षा हुई। इससे 56 वर्षों का रिकार्ड टूट गया है। इससे पहले 1966 में जुलाई में 24 घंटे में 487 मिमी वर्षा हुई थी। जो कि आज तक की सर्वाधिक वर्षा का रिकार्ड है। इसके अलावा उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग व देहरादून में भूस्खलन व पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण पांच यात्रियों समेत आठ की मृत्यु हो गई। जबकि 15 घायल हुए हैं। उत्तरकाशी में चारधाम यात्रा मार्ग अवरुद्ध होने से करीब चार हजार से अधिक तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। राज्य में 100 से अधिक संपर्क मार्ग बंद पड़े हैं। चमोली में चीन सीमा को जोड़ने वाले मलारी हाईवे के जुम्मा गदेरे (नाले) में बना पुल बह गया है, वहीं चीन सीमा तक जाने वाला लिपुलेख-तावघाट मार्ग मलबे से बंद है।





हिमाचल में सैंज बाजार बर्बाद, दो और लोगों की मौत





हिमाचल में मंगलवार को धूप खिलने से थोड़ी राहत मिली। हालांकि मंगलवार को भी शिमला व किन्नौर जिलों में दो लोगों की मौत हुई है। कुल्लू जिले में बहे नौ लोगों के शव बरामद हुए हैं। तीन दिन में वर्षा व भूस्खलन के कारण 33 लोगों की मौत हो चुकी है। कुल्लू जिले के सैंज तहसील मुख्यालय में आधे से ज्यादा बाजार बाढ़ में बह गया है। माना जा रहा है कि नुकसान चार हजार करोड़ रुपये से अधिक का हुआ है।





चंद्रताल में 350 के करीब लोग फंसे





विभिन्न क्षेत्रों में फंसे करीब 7000 पर्यटकों को सुरक्षित निकाला गया। चंद्रताल से सेना के हेलीकाप्टर से पांच बीमार और बुजुर्गों को सुरक्षित निकाला। चंद्रताल में 350 के करीब लोग फंसे हुए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को वायुसेना के हेलीकाप्टर से मंडी व कुल्लू में हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने आपदा से निपटने के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगी है।





पंजाब में नदियां उफान पर, हरियाणा में कई राजमार्ग बंद





पंजाब में मंगलवार को भारी वर्षा से राहत मिली। इससे बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य में तेजी आई। सतलुज, घग्गर, ब्यास व रावी दरिया के उफान पर होने के कारण इनके किनारे बसे नौ जिलों के लोग मंगलवार को भी दहशत में रहे। अलग-अलग जगह तीन लोग पानी में बह गए। राज्य में मरने वालों की संख्या 13 हो गई है। मंगलवार को नदियों के जलस्तर में गिरावट आई, लेकिन जालंधर में सतलुज दरिया, लुधियाना में बुड्ढा नाला में तटबंध टूटने से पानी खेतों व आसपास के गांवों में घुस गया। 





हरियाणा में कई मार्ग बंद, तीन की मौत





हरियाणा में भी तीन लोगों की मौत हुई है। जलभराव के कारण अंबाला-लुधियाना राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई प्रमुख राजमार्गों को अस्थायी रूप से यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। घग्गर नदी पानी स्कूल परिसर में घुसने के बाद अंबाला के एक आवासीय विद्यालय की 730 छात्राओं को कुरुक्षेत्र में स्थानांतरित किया गया है।





जम्मू-श्रीनगर : तीन दिन बाद खुला हाईवे, अमरनाथ यात्रा बहाल





तीन दिन से बंद जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को रामबन जिले में भूस्खलन और सड़क धंसने से प्रभावित हिस्से में एक वैकल्पिक मार्ग तैयार कर मंगलवार को खोल दिया गया। इसके साथ ही जम्मू से तीन दिन से स्थगित श्री अमरनाथ यात्रा को भी बहाल कर 4,665 श्रद्धालुओं के जत्थे को पहलगाम व बालटाल के लिए रवाना किया। अब तक एक लाख 36 हजार से अधिक शिवभक्त पवित्र गुफा में माथा टेक चुके हैं।



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