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रायपुर से नितिन मिश्रा/भोपाल से अरुण तिवारी. छत्तीसगढ़ में आदिपुरुष फिल्म को लेकर सियासत चल रही है। सीएम भूपेश बघेल ने फिल्म बैन को लेकर यू टर्न लिया है। उन्होंने कहा कि सब सुन लिए हैं फिल्म के बारे में तो मत जाओ देखने कोई जबर्दस्ती थोड़ी है कि देखना है। इधर, मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस फिल्म को लेकर फ्रंट फुट पर आ गई है। फिल्म को तीन दिन में बंद करने की चेतावनी भी डे डाली।
सीएम बघेल ने क्या कहा?
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिपुरुष फिल्म को लेकर नया बयान दिया है। फिल्म बैन करने को लेकर सीएम ने यू टर्न लिया है। उन्होंने कहा कि सेंसर बोर्ड को देखना चाहिए था कि इस प्रकार से जो हमारे महापुरुष हैं, जो हमारे आराध्य हैं। उसके मुख से इस प्रकार के शब्दों का बुलवाना कोई उचित बात है। ऐसे लोगों के खिलाफ तो कार्रवाई होनी चाहिए। अब फिल्म के बारे में सब सुन लिए है, तो उसे देखने ना जाएं,जबर्दस्ती है क्या किसी का देखना। पैसा आपका है, समय आपका है, आप किसमें व्यतीत करना चाहते हैं, वो महत्वपूर्ण है। जब इस प्रकार से हमारी भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली बात है तो उस जगह ना जाएं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आदिपुरुष फिल्म को लेकर ये कहा था
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री BJP नेता डॉ. रमन सिंह ने आदिपुरुष फिल्म को लेकर कहा कि विरोध और समर्थन की बात नहीं है, यदि रामायण के राम के चरित्र और हनुमान के चरित्र और अन्य चरित्र में जिस प्रकार चर्चा और बातचीत आ रही है। जिस प्रकार के डायलॉग उनसे बुलवाए गए हैं मुझे नहीं लगता है कि हिंदुस्तान की संस्कृति में इस प्रकार के शब्दों का उपयोग होना चाहिए। राम जन-जन में बसे हैं इसलिए राम के प्रति आदर और सम्मान भाव से सब कुछ होना चाहिए। यदि उसमें कुछ विपरीत है तो उसका समर्थन कोई नहीं करेगा। अगर सरकार ने फिल्म देख ली है, मैंने तो देखी नहीं है। मुख्यमंत्री ने फिल्म को देख लिया है और अगर उन्हें ऐसा लगता कि कुछ ठीक नहीं है तो निर्णय लेना चाहिए।
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केंद्रीय मंत्री ने की थी बैन करने की मांग
छत्तीसगढ़ के सरगुजा लोकसभा सीट से सांसद और भारत सरकार में केंद्रीय जनजाति कार्य राज्य मंत्री रेणुका सिंह ने शनिवार (17 जून) को आदिपुरुष फिल्म को लेकर ट्वीट किया। मंत्री ने लिखा है कि फिल्म आदिपुरुष, जो रामायण पर आधारित है। इसमें हमारे आराध्य प्रभु राम, माता जानकी, वीर हनुमान और अन्य चरित्रों का फिल्मांकन जिस तरीके से किया गया है, पात्रों के मुंह से जिस प्रकार के भद्दे डायलॉग्स बोले गए। इससे करोड़ों लोगों को भावनाएं आहत हुई हैं। मैं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से आशा करती हूं कि राम के ननिहाल में इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के लिए जल्द ही आदेश करेंगे।
मध्य प्रदेश में आदिपुरुष के राइटर-प्रोड्यूसर पर केस दर्ज करने की मांग
इधर, मध्य प्रदेश में भी आदिपुरुष को लेकर विवाद शुरू हो गया है। राजधानी भोपाल में कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा के नेतृत्व में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने भोपाल के टीटी नगर थाने पहुंचकर फिल्म के लेखक मनोज मुंतशिर और निर्माता सहित कलाकारों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर 3 दिनों में प्रदेश में फिल्म बंद नहीं हुई तो उग्र आंदोलन करेंगे। दावा है कि फिल्म आदिपुरुष में हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाई गई है।
GST कोंसिल की बिना अनुमति लिए "द केरल स्टोरी" को मप्र में टैक्स माफ करने वाले CM @ChouhanShivraj जी हिंदुओंके आराध्यों के घोर अपमान पर "आदिपुरुष" को लेकर खामोश क्यों?
छत्तीसगढ़ में तो विपक्षी BJP मूवी पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रही है मप्र में मूकबधिर ?@OfficeOfKNath
— KK Mishra (@KKMishraINC) June 19, 2023
छत्तीसगढ़ में आदिपुरुष का विरोध
छत्तीसगढ़ में फिल्म आदिपुरुष का काफी विरोध देखा जा रहा है। बिलासपुर में रविवार (18 जून) को हिंदू संगठनों ने सिविल लाइन स्थित मल्टीप्लेक्स के बाहर प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता मल्टीप्लेक्स के बाहर जुटे और हनुमान चालीसा का पाठ किया। कुछ कार्यकर्ताओं ने मल्टीप्लेक्स के अंदर भी घुसने की कोशिश की थी। राजधानी रायपुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आदिपुरुष के डायरेक्टर ओम राउत और राइटर मनोज मुंतशिर के पुतले को फांसी पर लटकाया।