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Goutam Buddha Nagar. उज्बेकिस्तान में कफ सिरप से हुई कथित मौत के मामले में नोएडा स्थित दवा कंपनी के 3 अधिकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बीते दिसंबर के महीने में उज्बेकिस्तान ने यह दावा किया था कि इंडियन कफ सिरप से उसके देश में 18 बच्चों की मौत हो गई। दवा कंपनी के 3 अधिकारियों के खिलाफ 2 मार्च को एफआईआर हुई थी जिसके बाद इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
भारत के सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन के ड्रग निरीक्षक ने यह कंपलेंट की थी। इसमें भारतीय कंपनी मैरियन बायोटेक के दो डायरेक्टर समेत 5 लोगों के नाम शामिल थे। बता दें कि उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर 18 बच्चों ने दम तोड़ दिया था, जिसके बाद उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन डिपार्टमेंट ने दवा कंपनी मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड का दवा उत्पादन का लायसेंस रद्द कर दिया था।
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लाइसेंस रद्द करने के पीछे रिकॉर्ड मेंटेनेंस के साथ-साथ रॉ मटैरियल खरीद की जानकारी समय पर मुहैया न कराने का कारण बताया जा रहा है। पुलिस ने बताया कि गाजियाबाद के ड्रग इंस्पेक्टर आशीष ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि दवा कंपनी कफ सिरप के मानकों पर खरी नहीं उतरी है। उन्होंने एफआईआर में डायरेक्टर जया जैन, सचिन जैन, ऑपरेशन हेड तुहीन भट्टाचार्य, मैन्युफैक्चरिंग केमिस्ट अतुल रावत और मूल सिंह के खिलाफ नामजद एफआईआर कराई थी।
कार्यालय से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार, पुलिस ने तुहीन भट्टाचार्य, अतुल रावत और मूल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने बताया कि कंपनी के मालिक मालकिन फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि जल्द ही उनकी गिरफ्तारी कर ली जाएगी।
बता दें कि उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत हुई थी जिसके बाद उज्बेकिस्तान ने इन मौतों के पीछे इसी कंपनी के कफ सिरप को जिम्मेदार बताया था। उज्बेकिस्तान ने विदेश मंत्रालय और एंबेसी के जरिए भारत सरकार के समक्ष अपनी आपत्ति भी जताई थी। ऐसा माना जा रहा है कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए यह कार्रवाई की गई है।