NEW DELHI. संसद में मिमिक्री विवाद को लेकर उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने खुद को पीड़ित बताते हुए बड़ा बयान दिया है। रविवार को उपराष्ट्रपति ने कहा कि वह पीड़ित हैं, जिन्हें लगातार अपमान झेलना पड़ता है। संवैधानिक पद पर होने के बावजूद लोग उनकी आलोचना या अपमान करने से नहीं चूकते। उन्होंने कहा कि तमाम अपमान सहने के बावजूद किसी को सेवा के रास्ते से कभी नहीं हटना चाहिए। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने आधिकारिक आवास पर इंडियन स्टैटिस्टिकल सर्विस के प्रोबेशनर्स के बैच को संबोधित करते हुए यह बात कही।
मैं एक पीड़ित हूं!....
उपराष्ट्रपति ने कहा कि 'मैं एक पीड़ित हूं! एक ऐसा पीड़ित, जिसे पता है कि इससे कैसे जूझना है और सारे अपमान को झेलते हुए भारत माता की सेवा करनी है।' संबोधन के दौरान उपराष्ट्रपति ने प्रोबेशनर अधिकारियों को सलाह दी कि वह भी आलोचना झेलने के लिए तैयार रहें। उपराष्ट्रपति ने कहा कि 'जब मैं एक संवैधानिक पद पर हूं, राज्यसभा का सभापति हूं और उपराष्ट्रपति हूं, उसके बाद भी लोग मुझे नहीं बख्शते! लेकिन क्या इससे मेरी मानसिकता बदलनी चाहिए? मैं सच्चाई के रास्ते पर हूं और हमें हमेशा आगे बढ़ते रहना है।'
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने उड़ाया था मजाक
बता दें कि बीते दिनों संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्षी सांसदों ने संसद सुरक्षा में चूक मामले में जमकर हंगामा किया था। जिसके बाद सदन से विपक्षी दलों के 146 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। जिसके विरोध में विपक्षी नेताओं ने संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया। इस दौरान टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का मजाक बनाते हुए उनकी मिमिक्री की थी। इस दौरान सांसद राहुल गांधी ने मजाक उड़ा रहे कल्याण बनर्जी का वीडियो बनाया था। इस पर राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने नाराजगी जाहिर की थी और इसे खुद पर निजी हमला करार दिया था।