रेसलर विनेश फोगाट ने किया खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड लौटाने का ऐलान, पीएम मोदी को लिखा 2 पेज का लेटर

author-image
Rahul Garhwal
एडिट
New Update
रेसलर विनेश फोगाट ने किया खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड लौटाने का ऐलान, पीएम मोदी को लिखा 2 पेज का लेटर

स्पोर्ट्स डेस्क. रेसलर विनेश फोगाट ने खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड लौटाने का ऐलान कर दिया है। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के विवाद में उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के नाम 2 पेज का लेटर सोशल मीडिया पर डाला है। इससे पहले बजरंग पूनिया ने पद्मश्री लौटा दिया है। साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ दी। वहीं खेल मंत्रालय ने कुश्ती फेडरेशन की नई कार्यकारिणी को भंग कर दिया था।

पीएम मोदी को लिखे पत्र में विनेश फोगाट ने क्या लिखा ?

माननीय प्रधानमंत्री जी,

साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ दी है और बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री लौटा दिया है। देश के लिए ओलिंपिक पदक मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को यह सब करने के लिए किसलिए मजबूर होना पड़ा, यह सब सारे देश को पता है और आप तो देश के मुखिया हैं तो आप तक भी यह मामला पहुंचा होगा। प्रधानमंत्री जी, मैं आपके घर की बेटी विनेश फोगाट हूं और पिछले एक साल से जिस हाल में हूं, यह बताने के लिए आपको यह पत्र लिख रही हूं।

क्या हम महिला खिलाड़ी विज्ञापनों में छपने के लिए ही बनी हैं

मुझे साल याद है 2016 जब साक्षी मलिक ओलिंपिक में पदक जीतकर आई थीं तो आपकी सरकार ने उन्हें बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की ब्रांड एम्बेसडर बनाया था। जब इसकी घोषणा हुई तो देश की हम सारी महिला खिलाड़ी खुश थीं और एक दूसरे को बधाई के संदेश भेज रही थीं। आज जब साक्षी को कुश्ती छोड़नी पड़ी, तब से मुझे वह साल 2016 बार बार याद आ रहा है। क्या हम महिला खिलाड़ी सरकार के विज्ञापनों पर छपने के लिए ही बनी हैं।

हमें उन विज्ञापनों पर छपने में कोई ऐतराज नहीं है, क्योंकि उसमें लिखे नारे से ऐसा लगता है कि आपकी सरकार बेटियों के उत्थान के लिए गंभीर होकर काम करना चाहती है। मैंने ओलंपिक में मेडल जीतने का सपना देखा था, लेकिन अब यह सपना भी धुंधला पड़ता जा रहा है। बस यही दुआ करूंगी कि आने वाली महिला खिलाड़ियों का यह सपना जरूर पूरा हो।

हम घुट-घुटकर जी रही हैं

पर हमारी जिंदगी उन फैंसी विज्ञापनों जैसी बिल्कुल नहीं है। कुश्ती की महिला पहलवानों ने पिछले कुछ सालों में जो कुछ भोगा है, उससे समझ आता ही होगा कि हम कितना घुट-घुट कर जी रही हैं। आपके वो फैंसी विज्ञापनों के फ्लेक्स बोर्ड भी पुराने पड़ चुके होंगे और अब साक्षी ने भी संन्यास ले लिया है। जो शोषणकर्ता है, उसने भी अपना दबदबा रहने की मुनादी कर दी है, बल्कि बहुत भौंडे तरीके से नारे भी लगवाए हैं।

आप अपनी जिंदगी के सिर्फ 5 मिनट निकालकर उस आदमी के मीडिया में दिए गए बयानों को सुन लीजिए, आपको पता लग जाएगा कि उसने क्या क्या किया है। उसने महिला पहलवानों को मंथरा बताया है, महिला पहलवानों को असहज कर देने की बात सरेआम टीवी पर कबूली है और हम महिला खिलाड़ियों को जलील करने का एक मौका भी नहीं छोड़ा है। उससे ज़्यादा गंभीर यह है कि उसने कितनी ही महिला पहलवानों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया है। यह बहुत भयावह है।

हमारे मेडल 15 रुपए के बताए जा रहे

कई बार इस सारे घटनाक्रम को भूल जाने का प्रयास भी किया, लेकिन इतना आसान नहीं है। सर, जब मैं आपसे मिली तो यह सब आपको भी बताया था। हम न्याय के लिए पिछले एक साल से सड़कों पर घिसड़ रहे हैं। कोई हमारी सुध नहीं ले रहा। सर, हमारे मेडलों और अवॉर्डों को 15 रुपए का बताया जा रहा है, लेकिन ये मेडल हमें हमारी जान से भी प्यारे हैं। जब हम देश के लिए मेडल जीतीं थीं तो सारे देश ने हमें अपना गौरव बताया।

पुरस्कारों से आने लगी घिन

अब जब अपने न्याय के लिए आवाज उठाई तो हमें देशद्रोही बताया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी, मैं आपसे पूछना चाहती हूं कि क्या हम देशद्रोही हैं? बजरंग ने किस हालत में अपना पद्मश्री वापस लौटाने का फैसला लिया होगा, मुझे नहीं पता। पर मैं उसकी वह फोटो देखकर अंदर ही अंदर घुट रही हूं। उसके बाद अब मुझे भी अपने पुरस्कारों से घिन आने लगी है। जब ये पुरस्कार मुझे मिले थे तो मेरी मां ने हमारे पड़ोस में मिठाई बांटी थी और मेरी काकी ताइयों को बताया था कि विनेश की टीवी में खबर आई है उसे देखना। मेरी बेटी पुरस्कार लेते हुए कितनी सुंदर लग रही है।

पुरस्कार हमारे ऊपर बोझ न बन सकें

कई बार यह सोचकर घबरा जाती हूं कि अब जब मेरी काकी ताई टीवी में हमारी हालत देखती होंगी तो वह मेरी मां को क्या कहती होंगी? भारत की कोई मां नहीं चाहेगी कि उसकी बेटी की यह हालत हो। अब मैं पुरस्कार लेती उस विनेश की छवि से छुटकारा पाना चाहती हूं, क्योंकि वह सपना था और जो अब हमारे साथ हो रहा है वह हकीकत। मुझे मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड दिया गया था जिनका अब मेरी जिंदगी में कोई मतलब नहीं रह गया है। हर महिला सम्मान से जिंदगी जीना चाहती है। इसलिए प्रधानमंत्री सर, मैं अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड आपको वापस करना चाहती हूं ताकि सम्मान से जीने की राह में ये पुरस्कार हमारे ऊपर बोझ न बन सकें।

खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ को किया सस्पेंड

खेल मंत्रालय ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की नई बॉडी को 24 दिसंबर को भंग कर दिया था। भारतीय ओलिंपिक संघ से रेसलिंग फेडरेशन के मामलों के मैनेजमेंट के लिए एडहॉक कमेटी बनाने को कहा गया है। आपको बता दें कि 21 दिसंबर को ही WFI के चुनाव हुए थे, जिसमें बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह नए प्रेसिडेंट बने थे।

अर्जुन अवॉर्ड लौटाएंगी विनेश फोगाट खेल रत्न लौटाएंगी विनेश फोगाट रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया विवाद Vinesh Phogat will return Arjun Award Vinesh Phogat will return Khel Ratna Wrestling Federation of India controversy विनेश फोगाट Vinesh Phogat