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Kolhapur. महाराष्ट्र के कोल्हापुर में दो समूहों के बीच हिंसक झड़प हुई हैं, जिनमें से एक हिंदुत्व संगठनों से जुड़ा है। कुछ युवकों के वॉट्सऐप स्टेटस पर औरंगजेब की फोटो लगाने को लेकर बवाल मच गया है। कुछ लोगों के वॉट्सऐप स्टेटस पर औरंगजेब की फोटो लगाए जाने के बाद बहुत बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। हिंदू संगठनों ने बुधवार (7 जून) को कोल्हापुर के छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पर अपनी आवाज उठाते हुए सड़कों पर उतरे और सड़कों पर बड़ी भीड़ ने आंदोलन को तेज कर दिया। दोनों तरफ से जमकर लाठी-डंडे चले और पत्थरबाजी हुई। स्थिति तब और बिगड़ गई जब पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी।
कोल्हापुर के एसपी महेंद्र पंडित ने बताया कि मंगलवार (6 जून) को वॉट्सऐप ग्रुप पर औरंगजेब की तारीफ में कुछ लोगों ने एक पोस्ट वायरल किया था। बुधवार (7 जून) को इसके विरोध में हिन्दू संगठनों ने कोल्हापुर बंद का ऐलान किया था। वे इन लोगों पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे।
दो लोगों पर केस दर्ज, 19 जून तक धारा 144 लागू
एसपी के मुताबिक, संगठनों ने आज यानी 7 जून को शहर के दशहरा चौक, टाऊन हॉल, लक्ष्मीपुरा आदि इलाकों में पथराव करते हुए प्रदर्शन भी किया। इससे पूरे जिले में स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी। पुलिस ने तत्काल भीड़ को लाठीचार्ज कर तितर-बितर किया और स्थिति पर काबू पाया। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। लोगों से शांत रहने की अपील की गई है। कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है। इधर, लक्ष्मीपुरा पुलिस स्टेशन में वॉट्सऐप पोस्ट को लेकर दो लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। घटना की जांच की जा रही है। इलाके में 19 जून तक धारा 144 लगा दी गई है।
ऐसी हरकतें बर्दाश्त नहीं करेंगे- फडणवीस
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि औरंगजेब की तारीफ करने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसी हरकतें बर्दाश्त नहीं करेंगे। फडणवीस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों से अपील की है कि वे कानून-व्यवस्था बनाए रखें। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
शरद पवार बोले- लॉ एंड ऑर्डर पर हमला करना ठीक नहीं
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने घटना को लेकर कहा कि अगर कोई औरंगजेब की तारीफ में फोटो या पोस्टर लगाता है तो क्या उसके लिए लॉ एंड ऑर्डर पर हमला या हिंसा करने की जरूरत है? पवार ने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष ऐसी प्रवृत्तियों को बढ़ावा देता है।
कुछ लोग जानबूझकर भेदभाव कर रहे हैं। राज्य में शांति स्थापित करना शासकों की जिम्मेदारी है, लेकिन उनसे जुड़े लोग सड़कों पर उतरने लगें तो अहिंसा से कटुता पैदा होना ठीक नहीं है। जो हो रहा है, उसके पीछे एक विचारधारा है।