वोटर आईडी और आधार लिंकिंग को लेकर होगा फैसला, चुनाव आयोग की 18 मार्च को अहम बैठक
चुनाव आयोग 18 मार्च को वोटर आईडी को आधार से जोड़ने पर चर्चा करेगा। बैठक में फर्जी मतदाता सूची पर चिंताओं को दूर करने और EPIC से जुड़ी नीतियों पर निर्णय लिया जाएगा।
भारत में फर्जी मतदाता सूची को लेकर लंबे समय से चिंताएं जताई जा रही हैं। इसी संदर्भ में चुनाव आयोग (Election Commission of India - ECI) ने 18 मार्च 2025 को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। इस बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार (Chief Election Commissioner Gyanesh Kumar) केंद्रीय गृह सचिव और विधायी सचिव के साथ चर्चा करेंगे।
बैठक का मुख्य उद्देश्य मतदाता पहचान पत्र (EPIC) को आधार (Aadhaar) से जोड़ने की प्रक्रिया को प्रभावी बनाना और मतदाता सूची में फर्जी या डुप्लिकेट नामों को हटाने की रणनीति पर चर्चा करना है।
क्यों उठी वोटर आईडी को आधार से लिंक करने की जरूरत?
फर्जी मतदाताओं की पहचान: कई राज्यों में डुप्लिकेट और फर्जी मतदाताओं के नाम सूची में होने की शिकायतें मिलती रही हैं।
चुनावी पारदर्शिता: आधार से लिंकिंग होने पर वोटर फ्रॉड (Voter Fraud) रोकने में मदद मिलेगी।
डिजिटल सुधार: सरकार और चुनाव आयोग डिजिटल इंडिया पहल के तहत मतदाता पहचान को और अधिक सुरक्षित व विश्वसनीय बनाना चाहते हैं।
क्या है मौजूदा नियम?
वर्तमान में मतदाता अपना आधार नंबर स्वेच्छा से दे सकते हैं, लेकिन इसकी कोई कानूनी बाध्यता नहीं है।
प्रस्तावित बैठक में वोटर आईडी और आधार को अनिवार्य रूप से जोड़ने के फैसले पर चर्चा हो सकती है।
राजनीतिक दलों की राय और उनकी भूमिका
चुनाव आयोग ने इस मुद्दे पर सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को पत्र लिखकर सुझाव मांगे हैं। विपक्षी नेता राहुल गांधी और ममता बनर्जी ने फर्जी मतदाता सूचियों का मुद्दा उठाया था, जिसके बाद यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
ECI ने दिए थे अधिकारियों को निर्देश
मुख्य चुनाव आयुक्त ने राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO), जिला चुनाव अधिकारी (DEO), और निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ERO) को राजनीतिक दलों के साथ बातचीत बढ़ाने का निर्देश दिया था। अधिकारियों को 31 मार्च तक कार्यवाही रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।
ECI की पहल और संभावित फैसले
मतदाता पहचान को और सुरक्षित बनाने के लिए डिजिटल सुधार पर जोर दिया जा सकता है।
EPIC और आधार लिंकिंग को अनिवार्य करने पर निर्णय लिया जा सकता है।
फर्जी मतदाताओं की पहचान और उनके खिलाफ कार्रवाई की रणनीति तय होगी।
FAQ
क्या वोटर आईडी को आधार से लिंक करना अनिवार्य होगा?
फिलहाल यह प्रक्रिया स्वैच्छिक है, लेकिन 18 मार्च को होने वाली बैठक में इसे अनिवार्य करने पर चर्चा हो सकती है।
वोटर आईडी और आधार लिंकिंग से क्या फायदा होगा?
इससे फर्जी और डुप्लिकेट मतदाताओं की पहचान होगी, चुनावों में पारदर्शिता बढ़ेगी और मतदाता सूची में धोखाधड़ी को रोका जा सकेगा।
राजनीतिक दलों की क्या भूमिका है?
ECI ने सभी राजनीतिक दलों से सुझाव मांगे हैं। पार्टियां अपनी राय 30 अप्रैल तक दर्ज करा सकती हैं।