जानें दुनिया के छठे सबसे अमीर व्यक्ति वॉरेन बफेट की कहानी

वॉरेन बफेट ने असफलताओं का सामना करते हुए 50 साल की उम्र के बाद 99% संपत्ति अर्जित की। वॉरेन बफेट आज बर्कशायर हैथवे के जरिए 16 लाख करोड़ कैश के साथ दुनिया के सबसे बड़े निवेशकों में से एक हैं। 

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Pratibha ranaa
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वॉरेन बफेट
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वॉरेन बफेट (Warren Buffett) का नाम आज दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित निवेशकों (investors) में गिना जाता है। उन्होंने अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना करते हुए सफलता की बुलंदियों को छुआ। खास बात यह है कि उन्होंने अपनी 99% संपत्ति 50 साल की उम्र के बाद अर्जित की। यह उनके द्वारा अपनाए गए 'कंपाउंडिंग' (compounding) के सिद्धांत का परिणाम है, जिसने उन्हें एक सामान्य निवेशक से एक वैश्विक निवेश गुरु (global investment guru) बना दिया।

वॉरेन बफेट की सफलता की कहानी

1950 का वह साल, जब गर्मी का मौसम था और एक युवा वॉरेन बफेट, हार्वर्ड बिजनेस स्कूल (Harvard Business School) में एडमिशन के लिए पहुंचे, लेकिन उन्हें एडमिशन नहीं मिला।

इससे हताश न होकर उन्होंने कोलंबिया बिजनेस स्कूल (Columbia Business School) के प्रोफेसर डेविड डोड (Professor David Dodd) को एक पत्र लिखा। इसमें उन्होंने उनसे पढ़ने की इच्छा जताई। प्रोफेसर डोड इस पत्र से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने तुरंत बफेट को कोलंबिया बुला लिया, जहां बफेट ने निवेश के गुर सीखे और आगे चलकर दुनिया के सबसे बड़े निवेशक बने।

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दुनिया के छठे सबसे अमीर व्यक्ति हैं बफेट 

आज वॉरेन बफेट 94 साल के हो चुके हैं और उनकी कुल संपत्ति 11 लाख करोड़ रुपए है। वे दुनिया के छठे सबसे अमीर व्यक्ति हैं। उनकी कंपनी बर्कशायर हैथवे (Berkshire Hathaway) ने एपल (Apple), कोका-कोला (Coca-Cola और बैंक ऑफ अमेरिका (Bank of America) सहित 41 कंपनियों में करीब 24 लाख करोड़ रुपए का निवेश कर रखा है।

अमेरिका की सबसे बड़ी नॉन-टेक कंपनी

28 अगस्त को, बर्कशायर हैथवे 84 लाख करोड़ रुपए की मार्केट कैप वाली अमेरिका की पहली नॉन-टेक कंपनी बनी और इसने 16 लाख करोड़ रुपए कैश अपने पास रखा है, जो इसे दुनिया में सबसे ज्यादा कैश रखने वाली कंपनी बनाता है।

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बहन संग मिलकर 11 साल की उम्र में खरीदे पहले शेयर

बफेट की निवेश यात्रा तब शुरू हुई जब उन्होंने मात्र 11 साल की उम्र में अपनी बहन डोरिस (Doris) के साथ 3 शेयर खरीदे। ये शेयर सिटीज सर्विस (Cities Service) कंपनी के थे। शुरू में शेयरों के दाम गिर गए, लेकिन वॉरेन ने धैर्य रखा और आखिरकार 5 डॉलर का मुनाफा कमाया। इस घटना ने उन्हें सिखाया कि धैर्य और सही समय पर किया गया निवेश (investment) किस प्रकार से लाभदायक हो सकता है।

कंपाउंडिंग की शक्ति

बफेट ने कंपाउंडिंग की शक्ति को समझा और इसका उपयोग करते हुए अपनी संपत्ति बढ़ाई। 21 साल की उम्र में उनके पास 20,000 डॉलर थे, जो 26 की उम्र में बढ़कर 1.40 लाख डॉलर हो गए। 30 साल की उम्र तक उनकी संपत्ति 10 लाख डॉलर हो गई थी। यह उस समय था जब एक सामान्य अमेरिकी परिवार की सालाना आमदनी मात्र 5600 डॉलर थी।

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