भोपाल. गर्मियों के मौसम में तरबूज ( watermelon ) का अमूमन हर घर में सेवन किया जाता है। तरबूज एक ऐसा फल है, जिसे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी पसंद करते हैं। तरबूज को गर्मी के मौसम में सबसे अधिक इसलिए भी खाया जाता है, क्योंकि यह हमारे शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता है। साथ ही शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करता है। लाल , मीठे और पानी से भरपूर तरबूज में कई सारे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। ये सेहत के लिए बेहद फयदेमंद होते हैं। इसी कारण इस मौसम में इस फल का मांग बढ़ जाती है।
FSSAI ने जारी किया वीडियो
क्या आप जानते हैं, इन दिनों आप जिस तरबूज को खा रहे हैं वो केमिकल वाला हो सकता है। यह आपकी सेहत को फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकता है। जी हां, इन दिनों बाजार में इंजेक्शन वाले तरबूज धड़ल्ले से बिक रहे हैं। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ( FSSAI ) ने एक वीडियो जारी किया था। इसमें उन्होंने बताया है कि बाजार में इस समय केमिकल वाले तरबूज बिक रहे हैं। उन्होंने इस वीडियो में केमिकल वाले तरबूज को पहचानने का कारगर तरीका भी बताया है, ताकि आपकी सेहत को कोई नुकसान न हो। tarbooj इंजेक्शन से लाल कर रहे तरबूज इंजेक्शन वाला तरबूज
मिलावटी तरबूज पहचानने का तरीका
कॉटन के कपड़े से ऐसे चेक करें - केमिकल वाले तरबूज को पहचानने के लिए तरबूज को दो भागों में काट लें। इसके बाद कॉटन का कपड़ा लेकर लाल गूदे वाले हिस्से पर रगड़ें। अगर कपड़े का रंग लाल हो जाए तो समझ जाएं कि तरबूज में केमिकल मिला हुआ है।
पानी से ऐसे करें पहचान- तरबूज का एक टुकड़ा काटकर उसे पानी से भरे हुए एक पैन में डालें। अगर पानी लाल कलर छोड़ता है तो समझ जाएं कि तरबूज को केमिकल से पकाया गया है।
स्वाद बदल जाता है- केमिकल से पकाए गए तरबूज ( Watermelon ) की मिठास आपको पता चल जाएगी। केमिकल से पकाए गए तरबूज की मिठास कम होती है। ऐसे में अगर तरबूज को काटने पर वह लाल होता है, लेकिन उसमें मिठास कमी है तो समझ जाएं यह केमिकल से तैयार किया गया है।
केमिकल से ये बीमारियां हो सकती हैं
फलों को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। सरकार ने इस केमिकल पर बैन लगाकर रखा है। इसके बाद भी कई फल व्यापारी इसका इस्तेमाल करते हैं। कैल्शियम कार्बाइड से किडनी और लिवर से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं। साथ ही कैंसर की आशंका भी कई गुना बढ़ जाती है।
A watermelon contains nutrients and beneficial plant compounds good for our health. But, are we eating it in the purest form? Here’s a small test we can do to find out if the watermelon we are consuming is adulterated with erythrosine. Eat healthy! #FSSAI @fssaiindia pic.twitter.com/DtUw9IuvUf
— MyGovIndia (@mygovindia) October 13, 2020