भारत में जब आर्थिक विषमता की बात होती है तो सबसे पहले शहर,गांव, स्त्री और पुरुष का जिक्र आता है,लेकिन देश के समुदायों में सम्पत्ति का भी वितरण असामान्य है। अमीरों में भी जातिगत असमानता दिखती है।भारत की कुल आबादी में से 30 फीसदी जनसंख्या उच्च जाति की है, जबकि देश की संपत्ति में उनका 89 फीसदी हिस्सा है। यह आंकड़ा उनकी आबादी का तिगुना है।
अमीरों में 89% सामान्य, 8% ओबीसी और 3% SC-ST वर्ग से हैं। एनएसएसओ ( NSFO ) के ताजा सर्वे के मुताबिक, देश की आबादी में 41% ओबीसी, 20% एससी, 9% एसटी व 30% सामान्य वर्ग से हैं। यानी, आबादी के मुकाबले अमीरी का असंतुलन साफ नजर आता है।
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देश के दौलतमंद कुनबे में एससी-एसटी और ओबीसी की कुल 31% हिस्सेदारी है। इसमें सबसे बड़ा हिस्स15.6% ओबीसी का है,पर 14 साल में करीब 5%सिकुड़ चुका है।
देश के हिंदू, मुस्लिम, दलित और ओबीसी के पास कितनी संपत्ति ?
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ दलित स्टडीज के रिपोर्ट ऑन इंटर इनइक्वैलिटी इन वेल्थ ऑनरशिप इन इंडिया के अनुसार देश के मुसलमानों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के बीच सबसे कम संपत्ति है।
रिपोर्ट के अनुसार, देश के उच्च हिंदू जातियों के पास देश की कुल संपत्ति का करीब 41 प्रतिशत हिस्सा है। इसके बाद हिंदू ओबीसी के पास देश की कुल संपत्ति का 31 फीसदी हिस्सा है।
बता दें रिसर्च करने वाला इंस्टीट्यूट भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) से मान्यता प्राप्त है। रिपोर्ट में NSSO (राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन) और इंडियन इकोनॉमिक सेंसेस की और से किए ऑल इंडिया डेट और इंवेस्टमेंट सर्वे के डाटा का भी हवाला दिया गया है। रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि मुसलमानों के पास देश की कुल संपत्ति का 8 फीसदी, एससी के पास 7.3 फीसदी और एसटी के पास 3.7 फीसदी संपत्ति है। ST-SC और ओबीसी संपत्ति | wealth distribution between st sc obc general
रिपोर्ट ऑन इंटर इनइक्वैलिटी इन वेल्थ ऑनरशिप इन इंडिया, के अनुसार
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