New Delhi. साल 2017 से रेलवे के लिए अलग से बजट पेश करने की परंपरा समाप्त हो चुकी है। आम बजट में ही रेल बजट पेश किया जा रहा है। कल 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करेंगी। ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा है कि वे अपने पिटारे से भारी भरकम रेल सेक्टर के लिए क्या देंगी। आम लोगों से लेकर विशेषज्ञ भी इस पर नजर गड़ाए बैठे हैं। विशेषज्ञ मानकर चल रहे हैं कि सरकार का जोर रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को और प्रभावी बनाने के साथ-साथ हाईस्पीड और सेमी हाईस्पीड ट्रेनों को हकीकत के और करीब लाने पर जोर रह सकता है। कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि पिछले बजट के मुकाबले रेलवे के लिए और ज्यादा फंड जारी किया जा सकता है। नई रेल लाइनें बिछाने, सेमी हाईस्पीड ट्रेनों की संख्या बढ़ाने और पुराने प्रोजेक्ट्स को जल्द पूरा कराने की कोशिश की जा सकती है।
नए रूट पर वंदेभारत ट्रेनों का ऐलान
विशेषज्ञ बताते हैं कि वंदेभारत ट्रेनें मोदी सरकार 2.0 का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। उम्मीद है कि नए रूटों पर वंदेभारत ट्रेनों की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कर सकती हैं। दावा यह भी किया जा रहा है कि एक साथ 400 वंदेभारत ट्रेनें चलाने का ऐलान कर दिया जाए। वंदेभारत ट्रेनों की सफलता को देखते हुए स्लीपर क्लास वाली वंदे भारत ट्रेनों की शुरूआत भी की जा सकती है। माना जा रहा है कि मोदी सरकार राजधानी और शताब्दी ट्रेनों को वंदेभारत ट्रेनों से रिप्लेस करने की तैयारी कर रही है। हालांकि इन ट्रेनों को दौड़ाने के लिए ट्रैक पूरी तरह से चुस्त-दुरुस्त होना चाहिए, इसलिए वंदेभारत रूट की पटरियों को अपग्रेड करने का भी ऐलान किया जा सकता है।
सीनियर सिटीजन की छूट का क्या होगा?
ट्रेन में सीनियर सिटीजन को मिलने वाली छूट पर ब्रेक लगा दिया गया था, रेल मंत्री यह साफ कर चुके हैं कि इसे दोबारा शुरू करने का कोई इरादा नहीं है। लेकिन बीते साल के मुकाबले रेलवे की आमदनी में बढोतरी हुई है और आम लोग भी इस छूट के बंद होने से नाराज हैं। माना जा रहा है कि मोदी सरकार 2.0 का यह आखिरी बजट हो, इसलिए सरकार अपने रुख को बदल भी सकती है और रियायतों से भरी घोषणाएं भी कर सकती है।
ग्रीन एनर्जी पर भी जोर
माना जा रहा है कि इंडिया ग्रीन एनर्जी के ज्यादा इस्तेमाल पर जोर देने के मकसद से सरकार ग्रीन एनर्जी को रेलवे के क्षेत्र में भी लागू करने की पहल कर सकती है। ऐसे में वित्तमंत्री अपने भाषण में हाईड्रोजन ट्रेनों की शुरूआत का ऐलान भी कर सकती हैं। मालढुलाई और यात्री ट्रेनों को बढ़ाने के साथ-साथ कोयले पर निर्भरता को कम करते हुए ग्रीन एनर्जी पर जोरे देने के लिए ऐसा करना भी आवश्यक है। नेशनल हाईड्रोजन मिशन की तरफ मजबूत कदम के तौर पर हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन की शुरूआत करने का कदम भी उठाया जा सकता है।
बुलेट ट्रेन और सेफ्टी
आम बजट में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को गति देने कुछ अहम ऐलान किए जा सकते हैं। बीते वित्त वर्ष में इस प्रोजेक्ट को 19 हजार करोड़ की रकम आवंटित हुई थी, माना जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट में 1 लाख करोड़ से ज्यादा लागत हो चुकी है। ऐसे में इस प्रोजेक्ट को पूरा करने और फंड की जरूरत है। रेलवे सूत्रों की मानें तो यह प्रोजेक्ट 2027 में पूरा हो सकता है। वहीं सेफ्टी की बात की जाए तो पटरियों की मरम्मत, नए और बेहतर कोचों को निर्माण और रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े अहम प्रोजेक्ट्स जो बाकी हैं उन्हें पूरा करने के लिए और ज्यादा फंड आवंटित होने की उम्मीद की जा रही है।
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