Monkeypox
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स को ग्लोबल इमरजेंसी घोषित किया है। यह बीमारी को दूसरी बार पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी बताया गया है। कांगो समेत अफ्रीका के कई देश यह वायरल इंफेक्शन की चपेट में है। WHO के अनुसार 2022 से अब तक 116 देशों में Mpox यानी मंकीपॉक्स के 99 हजार 176 केस सामने आए है। इस संक्रमण से अब तक 208 लोगों की मौत हो चुकी है। नहीं आया है।
WHO ने दी चेतावनी
मंकीपॉक्स का प्रकोप अफ्रीका में तेजी से फैल रहा है। WHO ने बताया कि कई देशों में इस बीमारी के केस तेजी देखने को मिल रही है, जिसकी गंभीरता को समझते हुए यह फैसला लिया गया है। WHO ने मंकीपॉक्स के बढ़ते प्रकोप और मृत्यु दर को देखते हुए चिंता जताई है। इस संक्रामक बीमारी को लेकर WHO ने सबसे उच्च स्तर का अलर्ट जारी किया है। जो पूरे विश्व के खतरा बन सकता है।
WHO के महानिदेशक ट्रेडोस एडनॉम गेब्रेसस ने इस संक्रमण को लेकर विनियमन आपातकालीन समिति की बैठक रखी है। इस वायरल इंफेक्शन की गंभीरता को देखते हुए WHO ने ने लोगों को सावधान रहने का निर्देश दिया है, ताकि आने वाले दिनों में स्थिति और न बिगड़ जाए।
खतरनाक Mpox के लक्षण
Mpox यानी मंकीपॉक्स चेचक जैसी एक वायरल इंफेक्शन है। इसके संक्रमण के ज्यादा दुष्प्रभाव नहीं होते हैं, लेकिन दुर्लभ मामलों में यह खतरनाक हो सकता है। इसमें बुखार जैसे लक्षण होते हैं, शरीर पर मवाद वाले बड़े घाव हो जाते हैं। यह वायरल बीमारी है, जो किसी व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलती है। फ्लू जैसी यह बीमारी अब तक कई लोगों को चपेट में ले चुकी है। वायरल इंफेक्शन ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस फैमिली का सदस्य है, जो चेचक के लिए भी जिम्मेदार है।
मंकीपॉक्स के कांगो के अलावा युगांडा और केन्या में भी बड़ी संख्या में मरीज दिखाई दे रहे हैं। अफ्रीका रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के अनुसार मंकी पॉक्स अफ्रीका के 34 देश में इससे प्रभावित हैं। अफ्रीका में अब तक इस बीमारी के 17 हजार केस मिल चुके हैं इस संक्रमण अब तक 517 लोगों की जान ले चुका हैं।
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