BHOPAL. भोपाल को देश की सबसे स्वच्छ राजधानी का तमगा हासिल है। रहने के लिए ये अच्छा शहर माना जाता है। हरियाली भी काफी है, लेकिन फिर भी स्वच्छता वायु सर्वेक्षण की रैंकिंग में भोपाल को 5वां स्थान मिला है। इंदौर की हवा सबसे साफ है, इंदौर वायु सर्वेक्षण में नंबर-1 है। अब सवाल ये उठता है कि आखिर भोपाल की हवा इतनी गंदी क्यों है ?
कचरा जलाने से बढ़ता प्रदूषण
भोपाल धीरे-धारे प्रगति की ओर बढ़ रहा है, वहीं यहां प्रदूषण की मात्रा भी बढ़ती जा रही है। शहर में बढ़ते प्रदूषण के मुख्य कारण यहां की धूल, वाहनों का प्रयोग, फैक्ट्रीज या अन्य निर्माण कार्य और खासकर कचरे को जलाने से अधिक मात्रा में हवा दूषित होती है। आजकल कचरे को अधिक मात्रा में जलाया जा रहा है, जिससे हवा बहुत प्रदूषित हो रही है।
ये खबर भी पढ़ें...
धूल भी है मुख्य कारक
पिछले करीब 3 सालों से शहर में प्रदूषण बढ़ रहा है। बता दें कि यहां प्रदूषण का सबसे बड़ा कारक धूल है। जो कि 67 प्रतिशत है। शहर के कुछ एरिया जैसे कि भौंरी, कोलार रोड, एमपी नगर जोन-2 आदि में धूल के कारण बहुत परेशानी होती है। धूल में कार्बन डाई आक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन मिलने से कई तरह की बीमारियां भी होती हैं।
वाहनों से हो रहा प्रदूषण
वर्ष 2021-22 में वाहनों की जांच के मुताबिक मध्यप्रदेश में 380 वाहन और भोपाल में 21 वाहनों से प्रदूषण फैला था। इस सर्वे में पता चला था कि धूल वाहनों से ज्यादा प्रदूषण फैलाती है। इसके साथ ही शहर में निर्माण कार्य जैसे मैट्रो समेत फैक्टरीज का कंसट्रक्शन शहर को प्रदूषित कर रहा है। फैक्टरीज से निकलने वाला धुआं और हानिकारक गैसों के कणों की अधिकता के कारण हवा की शुद्धता प्रभावित हो रही है। इन सब से उत्पन्न होने वाले कण इतने छोटे होते हैं कि उन्हें नग्न आंखों से नहीं देखा जा सकता है।
ये खबर भी पढ़ें...