Ahmedabad. लव मैरिज के मामले में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल का बड़ा बयान सामने आया है। सोमवार को गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि उनकी सरकार इस बात का अध्ययन करेगी कि क्या प्रेम विवाह (लव मैरिज) के लिए माता-पिता की अनुमति को अनिवार्य बनाने का प्रावधान संवैधानिक सीमा में रहकर किया जा सकता है। इसकी संभावना को तलाशने के लिए सरकार अध्ययन करेगी। इसके बाद संभव हुआ तो ऐसा नए कानून पर लाने पर विचार भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बयान तब दिया जब पाटीदार समुदाय के एक वर्ग ने लव मैरिज में माता-पिता की अनुमति को अनिवार्य बनाने की मांग उठाई थी।
लड़कियों के घर से भाग जाने की घटनाओं का अध्ययन करना चाहिए
रविवार (30 जुलाई) को मेहसाणा में पाटीदार समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन सरदार पटेल ग्रुप ने कार्यक्रम का आयोजन किया था। इसमें शामिल हुए मुख्यमंत्री पटेल ने कहा, गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल ने मुझसे कहा कि शादी के लिए लड़कियों के घर से भाग जाने की घटनाओं का अध्ययन करना चाहिए। साथ ही एक ऐसी व्यवस्था बनाई जाए ताकि लव मैरिज में माता-पिता की सहमति जरूरी हो।
बेहतर परिणाम लाने का प्रयास करेंगे
मुख्यमंत्री पटेल ने कहा, ‘रुशिकेश पटेल ने मुझसे कहा कि लड़कियों के घर छोड़ देने की घटनाओं पर नए सिरे से अध्ययन करूं, ताकि यह देखा जा सके कि क्या प्रेम विवाह में माता-पिता की अनुमति अनिवार्य करने की संभावना है। भूपेंद्र पटेल ने कहा कि अगर संवैधानिक रूप से यह संभव है तो हम अध्ययन कराएंगे और बेहतर परिणाम लाने का प्रयास करेंगे।’
कांग्रेस के विधायक ने भी जताया समर्थन
मुख्यमंत्री पटेल के बयान का विपक्षी कांग्रेस के एक विधायक इमरान खेड़ावाला ने समर्थन जताया है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ऐसा कोई कानून लाती है तो वह इसका पूरी तरह से समर्थन करेंगे। खेड़ावाला ने कहा, अगर सरकार विधानसभा सत्र में ऐसा कोई कानून लाती है, मैं सरकार का साथ दूंगा।
धर्म स्वतंत्रता अधिनियम में संशोधन का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा
बीजेपी की सरकार ने 2021 में गुजरात धर्म स्वतंत्रता अधिनियम में संशोधन किया था, जिसमें शादी के जरिए जबरन और धोखे से धर्मांतरण करने को दंडनीय अपराध घोषित किया गया था। इसमें 10 साल सजा का प्रावधान है। हाई कोर्ट ने अधिनियम की विवादित धारा पर रोक लगा दी थी। यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।