विदेश जाने वाले वर्करों को मिलेगा स्किल इंडिया पासपोर्ट, अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर सरकार दिलाएगी प्रशिक्षण

author-image
Pratibha Rana
एडिट
New Update
विदेश जाने वाले वर्करों को मिलेगा स्किल इंडिया पासपोर्ट, अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर सरकार दिलाएगी प्रशिक्षण

New Delhi. यूरोप के कई देशों की तरह जर्मनी भी मानव श्रम के संकट से जूझ रहा है। बेशक, उसकी नजर भी भारत के युवा मानव श्रम पर है, लेकिन आवश्यकता या मांग अनुरूप कुशल श्रमिक ना मिल पाना बड़ा संकट है। भारतीय युवाओं को अन्य देशों में रोजगार दिलाने के लिए प्रयास तो कई वर्षों से चल रहे हैं, लेकिन अब इस दिशा में और कदम उठाया जा रहा है। केंद्र सरकार देशभर में 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर खोलने जा रही है। इनके द्वारा प्रस्तावित तमाम सेवाओं में सबसे महत्वपूर्ण है कि पहली बार विदेश जाने वाले कामगारों (वर्करों) के लिए स्किल इंडिया पासपोर्ट की सुविधा शुरू की जा रही है जो उनके कौशल प्रशिक्षण का प्रमाण-पत्र भी होंगे। केंद्र सरकार ने आम बजट में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के चौथे चरण की घोषणा की थी।



पहली बार विदेश जाने वाले वर्करों को मिलेंगे पासपोर्ट



केंद्र सरकार देशभर में 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर खोलने जा रही है। इनके द्वारा प्रस्तावित तमाम सेवाओं में सबसे महत्वपूर्ण है कि पहली बार विदेश जाने वाले कामगारों के लिए स्किल इंडिया पासपोर्ट की सुविधा शुरू की जा रही है, जो उनके कौशल प्रशिक्षण का प्रमाण-पत्र भी होंगे।



आम बजट में केंद्र ने की थी घोषणा



केंद्र सरकार ने इस बार आम बजट में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के चौथे चरण को नए सुधारों के साथ शुरू करने की घोषणा की थी। कहा था कि देशभर में ये सेंटर विदेश में रोजगार की संभावनाओं को भुनाने, युवाओं को उनके अनुरूप प्रशिक्षित करने के साथ ही समन्वय की भूमिका भी निभाएंगे। इसके बाद से ही कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय इन सेंटरों की रूपरेखा बनाने में जुटा था।



सेंटर खोलने की तैयारी पूरी



मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि सेंटर खोलने की तैयारी पूरी कर ली गई है। इनकी स्थापना के लिए 24 नेशनल स्किल ट्रे¨निंग इंस्टीट्यूट और छह स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट चिह्नित किए गए हैं। इस तरह संख्या 30 होती है, लेकिन ये सुविधाएं 31 केंद्रों से मिलेंगी, क्योंकि वाराणसी स्थित आईटीआई करौंदी में स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर की स्थापना हो चुकी है। सर्वाधिक पांच केंद्र उत्तर प्रदेश में होंगे, जबकि तेलंगाना में तीन और कर्नाटक, उत्तराखंड, राजस्थान व गुजरात में दो-दो केंद्र प्रस्तावित हैं। अन्य राज्यों के भी संस्थान चिन्हित किए गए हैं।



अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर दिया जाएगा प्रशिक्षण



सूत्रों ने बताया कि यह प्रमाण पत्र देने से पहले अभ्यर्थी को मांग और आवश्यकता अनुसार ट्रेड का प्रशिक्षण अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर दिया जाएगा। केंद्रों की भूमिका यह होगी कि वह संबंधित देश में आवश्यक कौशल, स्थानीय भाषा, व्यावसायिक अंग्रेजी (आक्यूपेशनल इंग्लिश) में संबंधित संस्थानों से प्रशिक्षण दिलाएंगे। उनका व्यक्तित्व विकास भी कराया जाएगा। संबंधित देश की भाषा उतनी सिखा दी जाएगी, जिससे कि कामकाज में कोई परेशानी न आए। ये संस्थान विदेश में मानव श्रम की आवश्यकता के अनुसार यहां युवाओं को रोजगार के प्रति जागरूक और प्रशिक्षित करने के साथ ही नौकरी के लिए जाने से पहले प्री-डिपार्चर ओरिएंटेशन ट्रेनिंग भी देंगे।



16 देशों के साथ मंत्रालय का समझौता



भारतीय युवाओं के लिए रोजगार की अधिक संभावनाओं वाले 16 देशों के साथ मंत्रालय का समझौता है। वहां, जिन दस क्षेत्रों में सबसे अधिक कामगारों की मांग है, उनसे संबंधित नियोक्ताओं को दूतावास के माध्यम से जोड़ने की योजना है। इस बीच देश में जहां से सबसे अधिक युवा रोजगार की तलाश में विदेश पलायन कर रहे हैं, उन क्षेत्रों को चिह्नित कर वहां इंटरनेशनल सेंटर खोले जाएंगे।



कितना वेतन मिलेगा? रहने की व्यवस्था क्या होगी? 



विदेश के संबंधित क्षेत्र के नियोक्ता से पहले ही तय कर लिया जाएगा कि उक्त कामगारों को वहां कितना वेतन मिलेगा? उनके रहने आदि की व्यवस्था क्या होगी? इस तरह उन्हें दूसरे देशों में सामाजिक सुरक्षा भी दिलाई जा सकेगी और सरकार के पास प्रवासी कामगारों का पूरा रिकॉर्ड भी रहेगा।



इन 16 देशों के साथ है समझौता



आस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा, जर्मनी, जापान, सऊदी अरब, कुवैत, मलेशिया, ओमान, कतर, रोमानिया, सिंगापुर, स्वीडन, अमेरिका, यूएई और यूके।


हर कोई विदेश में कर सकेगा नौकरी स्किल इंडिया पासपोर्ट विदेश जाने वाले वर्करों के लिए खुशखबरी कौशल विकास योजना everyone able do job abroad Skill India passport good news for workers going abroad Skill development scheme