ज्ञानवापी के व्यास जी तहखाने में 30 साल बाद पूजा शुरू, देर रात पूजन-अर्चन के बाद सुरक्षा कड़ी

author-image
Pooja Kumari
New Update
ज्ञानवापी के व्यास जी तहखाने में 30 साल बाद पूजा शुरू, देर रात पूजन-अर्चन के बाद सुरक्षा कड़ी

BHOPAL. ज्ञानवापी परिसर में नंदी महाराज के सामने व्यास जी के तहखाने में 1993 तक हो रहे पूजा-पाठ को 30 साल बाद फिर से शुरू किया गया। जिलाधिकारी एस. राज लिंगम और पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन समेत अन्य अफसरों की मौजूदगी में आरती कराई गई। गोपनीय तरीके से जिला अधिकारी और कमिश्नर रात लगभग 9 बजे विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र में दाखिल हुए। रात 11 बजे नंदी महाराज के सामने तहखाने के रास्ते के पास बैरिकेडिंग हटाने का काम शुरू किया गया। दो घंटे के बाद रात 1 बजे इसे पूरी तरह से हटा दिया गया।

मुकदमे की अगली सुनवाई 8 फरवरी को

बता दें कि जिला न्यायाधीश डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने बुधवार को ही व्यास परिवार और काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड के पुजारी से तहखाने में स्थित मूर्तियों की पूजा व राग-भोग कराने का आदेश दिया था। जिला न्यायाधीश ने रिसीवर जिला मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया कि वह सेटलमेंट प्लॉट नं.-9130 स्थित भवन के दक्षिण में स्थित तहखाने में पुजारी से मूर्तियों की पूजा व राग-भोग कराएं। रिसीवर को सात दिन में लोहे की बाड़ का उचित प्रबंध कराने के भी निर्देश दिए। मुकदमे की अगली सुनवाई आठ फरवरी को होगी।

बुधवार को दी गई थी अनुमति

व्यासजी का तहखाना जिलाधिकारी को सुपुर्द करने की मांग और दिसंबर, 1993 से पहले की तरह पूजा-पाठ की अनुमति के लिए बीते साल 25 सितंबर को शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास ने अदालत में वाद दायर किया था। वाद में आशंका जताई गई थी कि तहखाने पर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी जबरन कब्जा कर सकती है। 17 जनवरी को जिला जज ने जिलाधिकारी को व्यासजी के तहखाने का रिसीवर बनाया था। बुधवार को पूजा की अनुमति देकर दूसरी मांग भी मान ली।

आदेश के 9 घंटे में ही आधी रात को हटाई बैरिकेडिंग

ज्ञानवापी स्थित व्यासजी के तहखाने के संबंध में अदालत के आदेश के बाद बुधवार देर रात पुलिस और प्रशासन के आला अफसर विश्वनाथ धाम पहुंचे। बता दें कि व्यासजी के तहखाने में पूजा-पाठ की व्यवस्था के संबंध में जिला जज की अदालत ने जो आदेश दिया है, उसी के क्रियान्वयन के संबंध में अफसरों ने बैठक की है। हालांकि इस संबंध में पूछे जाने पर पुलिस और प्रशासन का कोई अफसर औपचारिक रूप से कुछ भी कहने को तैयार नहीं हुआ। अनौपचारिक रूप से अफसरों ने बस इतना ही कहा कि अदालत का जो भी आदेश है, उसका अध्ययन कर नियमानुसार पालन कराया जाएगा।

तहखाने के लिए आने-जाने की व्यवस्था की गई

जानकारी के मुताबिक काशी विश्वनाथ मंदिर के सामने से रास्ता काट कर व्यासजी के तहखाने के लिए आने-जाने की व्यवस्था कर दी गई है। एएसआई सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार तहखाने में मूर्तियों को रख कर उनकी पूजा-अर्चना कराई गई है। मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि अदालत के आदेश के पालन के क्रम में बृहस्पतिवार की सुबह से व्यासजी के तहखाने में नियमित पूजा-अर्चना विधिविधान के साथ संपादित की जाएगी। काशी विश्वनाथ धाम के अंदर ही सारे अफसर अभी भी हैं। उनका कहना है कि कोर्ट के आदेश के अनुपालन के क्रम में व्यवस्था बनाई गई है। इसीलिए देर रात विश्वनाथ धाम पहुंच गये थे पुलिस-प्रशासन के आला अफसर।

दिसंबर, 1993 के बाद लगी थी पूजा की रोक

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने फैसले पर खुशी जताई है। अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, खुशी है कि कोर्ट ने वादी व काशी विश्वनाथ ट्रस्ट को मिलकर पुजारी नियुक्त करने के लिए कहा है। वादी शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास ने अदालत में 30 जुलाई, 1996 की अधिवक्ता आयुक्त की रिपोर्ट का हवाला दिया। कमीशन ने रिपोर्ट में कहा था, तहखाने के दक्षिणी द्वार पर वादी के ताले के अलावा प्रशासन का ताला लगा था। अधिवक्ता आयुक्त के सामने वादी ने चाबी से अपना ताला खोला, पर प्रशासन का ताला खोलने की अनुमति न होने से अंदर नहीं जा सके। शैलेंद्र व्यास ने वाद में कहा, तहखाने में मूर्ति की पूजा होती थी। दिसंबर, 1993 के बाद पुजारी व्यासजी को उक्त प्रांगण के बैरिकेडिंग वाले क्षेत्र में प्रवेश से रोक दिया गया। इस कारण तहखाने में होने वाले राग-भोग संस्कार भी रुक गए।

National News नेशनल न्यूज Gyanvapi Mosque ज्ञानवापी मस्जिद National News Update नेशनल न्यूज अपडेट Puja begins in Gyanvapi District Judge Dr. Ajay Krishna Vishwesh ज्ञानवापी में पूजा शुरू जिला न्यायाधीश डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश