BALAGHAT. बालाघाट में मिले जख्मी टाइगर की मौत हो गई है। कान्हा टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने बताया कि उसके शरीर पर कई घाव थे। वह इतना कमजोर हो गया था कि चलने की स्थिति में भी नहीं था इसलिए उसे बेहोश नहीं किया गया। वह जहां घायल हालत में मिला था उसी जगह उसकी मौत हो गई।
अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार रविवार को कान्हा नेशनल पार्क की सीमा के पास कोहका गांव में जख्मी हालत में बाघ मिला था। कमजोर होने के कारण वह दिन भर तालाब के किनारे बैठा रहा। लोगों को जब इसका पता चला तो वो उसे देखने के लिए इकट्ठा होने लगे।
वन विभाग के अधिकारियों ने उसे बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया था। वो दो हाथियों की मदद से उसे निकालने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन तब तक बाघ मर चुका था। अधिकारियों के अनुसार बाघ की उम्र करीब 14 साल थी। अधिकारियों ने कहा कि वह कई दिन से भूखा था इसलिए कमजोर होने के कारण उसकी मौत हो गई।
दूसरे जानवरों के कारण लगी चोट
अधिकारियों के अनुसार बाघ को कई चोटों लगी थीं। वह दूसरे जानवरों के साथ संघर्ष में घायल हो गया था, उम्र ज्यादा होने के कारण उसकी चोटें ठीक नहीं हुईं, जिसके कारण उसकी मौत हो गई।
200 से ज्यादा बाघ हैं कान्हा में
कान्हा नेशनल पार्क में 200 से ज्यादा बाघ होने दावा किया जाता है। यही कारण है कि यहां पर्यटक बड़ी संख्या में बाघ देखने के लिए आते हैं। बाघों की गणना के आधार पर मप्र को देश में टाइगर स्टेट कहा जाता है। प्रदेश में सबसे ज्यादा बाघ हैं।
कान्हा से अच्छी खबर भी
कान्हा में आए पर्यटकों ने मुक्की जोन से बाघिन टी-27 और उसके तीन शावकों का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में तीनों शावक खेलते नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि गर्मी के कारण शावक पानी में गए होंगे तो उनपर कीचड़ भी लगा हुआ था।