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New Delhi. वाराणसी के ज्ञानवापी का मामला इन दिनों सुर्खियों में है। इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर बड़ा बयान देकर सवाल खड़े किए हैं। एक इंटरव्यू के दौरान ज्ञानवापी को लेकर पूछे गए सवाल पर योगी ने कहा, ज्ञानवापी को अगर मस्जिद कहेंगे, तो विवाद होगा। भगवान ने जिसको दृष्टि दी है, वह देखे न कि त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है? हमने तो वहां नहीं रखे। वहां ज्योतिर्लिंग हैं, देवप्रतिमाएं भी हैं। वहां की दीवारें चिल्ला-चिल्लाकर क्या कह रही हैं? उन्होंने आगे कहा, मुझे लगता है कि मुस्लिम पक्ष की तरफ से प्रस्ताव आना चाहिए कि साहब ऐतिहासिक गलती हुई है, उस गलती के लिए हम चाहते हैं समाधान हो।
देश संविधान से चलेगा, मत और मजहब से नहीं
सीएम योगी एएनआई के पॉडकास्ट में अपनी बात रख रहे थे। एक और अन्य सवाल के जवाब में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश संविधान से चलेगा, मत और मजहब से नहीं। देखिए मैं ईश्वर का भक्त हूं, लेकिन किसी पाखंड में विश्वास नहीं करता हूं। आप मत और मजहब अपने-तरीके से होगा। अपने घर में होगा, आपके मस्जिद, इबादतगाह तक होगा। सड़क पर प्रदर्शन करने के लिए नहीं और आपको किसी दूसरे पर नहीं थोप सकते हैं। देश में किसी को रहना है तो उसे राष्ट्र को सर्वोपरि मानना ही होगा।
दंगों पर चुप रहे, ये लोग क्या देश को बंगाल बनाना चाहते हैं?
एक सवाल के जवाब में योगी ने कहा कि मैं 6 साल से ज्यादा वक्त से यूपी का मुख्यमंत्री हूं। वहां पिछले 6 साल में कोई बड़ा दंगा नहीं हुआ है। बड़ी-बड़ी बातें करने वाले ये लोग देखें तो कैसे चुनाव होने हैं। उत्तर प्रदेश के चुनाव देखिए और बंगाल में पंचायत चुनाव हुए, उसका क्या हाल हुआ। वे लोग देश को पश्चिम बंगाल बनाना चाहते हैं। जिस तरह से वहां टीएमसी सरकार ने किया। कुछ लोग सत्ता में आकर जबरन पूरी व्यवस्था को कैद कर देना चाहते हैं। ये पश्चिम बंगाल में देखने को मिला। विरोधी दलों के कार्यकर्ताओं और नेताओं को मारा गया। ये चीजें आंखों को खोलने वाली है, लेकिन इस पर ये लोग कुछ भी बोलते नहीं हैं। 1990 के दौरान कश्मीर में जो भी कुछ हुआ, तब भी ये सब लोग मौन ही रहे। आखिर ये दोहरा दृष्टिकोण क्यों।
अभी कोर्ट में चल रहा है मामला
ज्ञानवापी मामले को लेकर वाराणसी जिला जज की कोर्ट में फिलहाल सुनवाई चल रही है। एएसआई डायरेक्टर को 4 अगस्त को कोर्ट में पेश होने के आदेश जारी किए गए हैं। अब उन्हें कोर्ट को बताना होगा कि वो ये सर्वे कैसे करेंगे।
ज्ञानवापी मस्जिद का एएसआई सर्वे होगा, लेकिन इस स्थान को छोड़कर
मालूम हो, ज्ञानवापी मामले में एएसआई सर्वे की इजाजत मिल गई है। वाराणसी कोर्ट ने शुक्रवार (28 जुलाई) को कहा था कि वजु स्थल को छोड़कर बाकी पूरे कैंपस का बिना नुकसान पहुंचाए साइंटिफिक सर्वे किया जाए। जज ने एएसआई डायरेक्टर को 4 अगस्त को कोर्ट में पेश होने को कहा है।
दोनों पक्षों ने क्या दी है दलील
ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में फैसला होने की संभावना है। हिंदू पक्ष ने दलील दी है कि खंभों पर मिले धार्मिक निशान का पता लगाया जाना जरूरी है कि क्या वे मंदिर का हिस्सा हैं। दूसरी ओर, मुस्लिम पक्ष ने सर्वे का विरोध करते हुए दलील दी है कि कोर्ट साक्ष्य बनाने की अनुमति नहीं दे सकता।