अपने फैसलों से चौंकाने वाली मोदी-शाह की जोड़ी अब एक और बड़ा फैसला ले सकती है। आरएसएस के रिएक्शन के बाद अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को संगठन में पद देने की चर्चा है। यानी अब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चल रहे आधा दर्जन नामों में योगी आदित्यनाथ का नाम भी तेजी से उभरा है।
इस सियासी घटनाक्रम को सीएम योगी आदित्यनाथ और संघ प्रमुख मोहन भागवत की मुलाकात से जोड़कर भी देखा जा रहा है। हालांकि खांटी बीजेपी नेता इसे सौजन्य भेंट कह सकते हैं, पर राजनीति के जानकर इसे सामान्य मुलाकात नहीं बता रहे हैं।
बीजेपी से संघ नाराज
वैसे भी लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद जिस तरह से संघ प्रमुख और दूसरे पदाधिकारियों के बयान सामने आए हैं, उससे यह तो तय है कि संघ नाराज है। मोहन भागवत के सच्चे सेवक की परिभाषा समझाना कोई सामान्य बात नहीं है। आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने भी कहा है कि बीजेपी अहंकारी हो गई थी, इसलिए भगवान राम ने उन्हें 241 पर ही रोक दिया।
यूपी में चेहरा बदल सकती है बीजेपी !
चलिए अब फिर मुद्दे पर आते हैं। सवाल वही है कि क्या योगी आदित्यनाथ बीजेपी के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे? इसके पीछे दो थ्योरी हैं। एक तो यह है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी का उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। पार्टी वहां आधी ही सीटें जीत पाई। ऐसे में माना जा रहा है कि चुनाव से पहले बीजेपी यूपी में सीएम का चेहरे बदल सकती है। ऐसे में योगी आदित्यनाथ हटाए जाएंगे।
खांटी हिन्दूवादी नेता की छवि
दूसरा, अब यदि योगी आदित्यनाथ यूपी के सीएम नहीं होंगे तो बीजेपी उन्हें क्या पद देगी? इसका यही जवाब है कि उन्हें बीजेपी का प्रमुख यानी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है। वे संघ कोटे में भी फिट बैठते हैं और खांटी हिन्दूवादी नेता के तौर पर उनकी पहचान है। हाल ही में उन्होंने ईद पर सड़क पर नमाज पढ़ने वालों को चेतावनी भी दी है।
लाइन आगे बढ़ा सकती है बीजेपी
दरअसल, पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी की जो स्टाइल रही, उसमें मुस्लिम समुदाय केंद्र में रहा। पीएम मोदी से लेकर तमाम शीर्ष नेताओं ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर बयान दिए। कांग्रेस को भी इसी मुद्दे पर घेरने की कोशिश की गई। अब यदि बीजेपी अपनी उसी लाइन को आगे बढ़ाती है तो योगी आदित्यनाथ राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए पूरी तरह फिट बैठते हैं।
उम्र और संघ के पैरामीटर्स में फिट योगी
क्या है कि मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का जून में कार्यकाल पूरा हो रहा है। उन्हें लोकसभा चुनाव तक के लिए एक्सटेंशन दिया गया था। अब मोदी सरकार में नड्डा स्वास्थ्य मंत्री बन गए हैं। ऐसे में बीजेपी को नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की तलाश है। जिस तरह से पार्टी 2014 से नई पीढ़ी को आगे बढ़ा रही है, उससे एक बार फिर 60 साल से कम उम्र के नेता को पार्टी का सर्वोच्च पद मिलने की ज्यादा संभावना है। यह तय है कि जो भी अध्यक्ष होगा, वह संघ बैकग्राउंड का होगा। इस तरह योगी आदित्यनाथ दोनों पैरामीटर्स में फिट बैठते हैं।
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