BHOPAL. दिवाली पर्व की शुरुआत धनेतरस से मानी जाती है। इस बार धनतेरस पर विशेष संयोग बन रहा है। इसलिए इस बार धनतेरस 23 और 24 अक्टूबर दो दिनों की होगी। हालांकि इसका मुख्य पूजन 23 अक्टूबर को ही माना जाएगा। इस दिन सोना-चांदी, बर्तन और वाहन खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस पर शुभ खरीदारी, भगवान धन्वंतरि की पूजा और यम दीपदान का विशेष महत्व होता है। धनतेरस पर शाम को भगवान धन्वंतरि की पूजा होती है। इसके अलावा अकाल मृत्यु से बचने के लिए धनतेरस पर घर के दक्षिण दिशा में तेल का दिया जलाया जाता है। जिसे यम का दीपदान कहते हैं। इस बार खरीदारी के लिए पूरा दिन मिलगा। इसके अलावा धनतेरस पर त्रिपुष्कर और सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहा है। इस योग में शुभ कार्य सिद्धि होते हैं और 3 गुने फल की प्राप्ति होती है। धनतेरस पर सोना-चांदी के सिक्के, आभूषण और बर्तन खरीदने की प्रथा है। धनतेरस की शाम को प्रदोष काल में भगवान धन्वंतिर, माता लक्ष्मी और कुबेर की भी पूजा की जाती है।
धनतेरस पर पूजन की विधि
धनतेरस पर शाम के वक्त उत्तर की ओर कुबेर और धनवंतरी की स्थापना करनी चाहिए। दोनों के सामने एक-एक मुख का घी का दीपक जरूर जलाना चाहिए। भगवान कुबेर को सफेद मिठाई और धनवंतरी को पीली मिठाई को भोग लगाया जाता है। पूजा के दौरान "ॐ ह्रीं कुबेराय नमः" का जाप करें। इसके बाद "धनवंतरि स्तोत्र" का पाठ करें। पूजा के बाद दीपावली पर कुबेर को धन स्थान पर और धनवंतरी को पूजा स्थान पर स्थापित करें।"
27 साल बाद आई ऐसी धनतेरस
हिंदू पंचांग के अनुसार धनतेरस जिसे धनत्रयोदशी भी कहते हैं हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है। पंचांग गणना के अनुसार 22 अक्तूबर को शाम 06 बजकर 02 मिनट पर त्रयोदशी तिथि प्रारंभ हो जाएगी, जो कि अगले दिन यानी 23 अक्तूबर को शाम 06 बजकर 03 तक रहेगी। इस बार धनतेरस का त्योहार दो दिन तक मनाया जाएगा। इस तरह का संयोग 27 वर्ष बाद दोबारा से बना है। फिर इसके बाद चतुर्दशी तिथि प्रारंभ हो जाएगी। इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग और त्रिष्पुकर योग भी बनेगा। ऐसे में धनतेरस की खरीदारी के लिए काफी समय मिलेगा। धनतेरस पर प्रदोष व्रत और शनिदेव मार्गी हो जाएंगे जिसके कारण शुभ खरीदारी के लिए समय अच्छा रहेगा।
धनतेरस पर इस मुहूर्त में ना करें खरीदारी
पंडितों के मुताबिक, धनतेरस पर राहु काल में खरीदारी करने से बचना चाहिए। 23 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 19 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 44 मिनट तक राहुकाल है इसलिए इस समय पर खरीदारी करने से बचें। इसके साथ ही धनतेरस के दिन सुबह 9.00 बजे से लेकर सुबह 10.30 के बीच भी खरीदारी करने से भी बचें।
धनतेरस पर ये गलतियां करने से बचें
धनतेरस से पहले घर से कूड़ा-कचरा बाहर निकाल दें। अगर घर में इस दिन गंदगी रहती है तो नेगेटिव एनर्जी का विस्तार होता है। धनतेरस पर हमेशा नई झाड़ू का प्रयोग करना चाहिए। धनतेरस की मध्य रात्रि को घर से पुरानी झाड़ू बाहर कर दें। धनतेरस के दिन लोहे का सामान खरीदने से बचें क्योंकि माना जाता है कि इस दिन लोहा खरीदने से घर में दरिद्रता आती है। धनतेरस पर दिन में ना सोने की सलाह दी जाती है क्योंकि ऐसा करने से दरिद्रता आती है। धनतेरस के दिन किसी को भी उधार देने से बचें। धनतेरस पर घर में मां लक्ष्मी का प्रवेश मुख्य द्वार से ही होता है इसलिए मुख्य द्वार की साफ-सफाई का खास ख्याल रखें। धनतेरस पर सिर्फ कुबेर भगवान की पूजा ना करें। उनके साथ मां लक्ष्मी और भगवान धनवंतरी की भी उपासना करें।
धनतेरस पर सोना-चांदी और बर्तन खरीदने का महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि का जन्म इसी तिथि पर हुआ था। जन्म के समय भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत से भरा कलश लेकर प्रगट हुए थे। भगवान धन्वंतरि को देवताओं के वैध और आयुर्वेद का जनक माना जाता है। धनतेरस पर सोने-चांदी के सिक्के, गहने और बर्तन के आदि की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा धनतेरस पर भगवान कुबेर और माता लक्ष्मी की पूजा व मंत्रोचार किया जाता है।
धनतेरस पर इन स्थानों पर जलाएं दीपक
देश-दुनिया में आज यानी 23 अक्टूबर को धनतेरस मनाया जाएगा। इस दिन आप 5 जगहों पर दीया जलाना न भूलें, ऐसा करने से आपका जीवन खुशियों से भर जाएगा। माना जाता है कि तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए आप धनतेरस वाले दिन तुलसी के पौधे में दीपक जरूर जलाएं।
- मुख्य द्वार पर दीया जलाने से सकारात्मक ऊर्जा।