BHOPAL. आज 24 अक्टूबर को देशभर में दिवाली का पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्व कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। दिवाली अंधकार पर प्रकाश की जीत का त्योहार है। दिवाली पर लोग घर, दुकान, ऑफिस में मां लक्ष्मी-गणेश, मां महाकाली, मां सरस्वती की पूजा की जाती है। मां लक्ष्मी की पूजा प्रदोषकाल और मध्यरात्रि में स्थिर लग्न में उत्तम मानी गई है। देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधिवत पूजा बहुत जरूरी है। करीब दो हजार साल बाद दीपावली पर बुध, गुरु, शुक्र और शनि खुद की राशि में होंगे। साथ ही लक्ष्मी पूजा के समय पांच राजयोग भी रहेंगे। हम आपको बता रहे हैं कि कब, कैसे और किस विधि से मां लक्ष्मी का आह्वान करें और उनकी पूजा करें...
दिवाली 2022 लक्ष्मी पूजा शुभ चौघड़िया
दिवाली पूजन के लिए सामग्री
दिवाली पर कैसे करें ऑफिस, दुकान में लक्ष्मी पूजा
दिवाली की रात मां लक्ष्मी स्वर्गलोक से पृथ्वी पर आती हैं और घर-घर विचरण करती हैं। दिवाली के दिन ऑफिस और दुकान में अच्छी तरह सफाई करें, कार्यस्थल पर फूलों, लाइटों, रंगोली, सजावट की जाती है। कहते हैं कि जहां प्रकाश होता है, वहां मां लक्ष्मी अपने अंश रूप में निवास करने लगती हैं।
किस प्रतिमा की पूजा करें?
दिवाली पर गणेशजी और माता लक्ष्मी की बैठी हुई मुद्रा की मूर्ति पूजा करनी चाहिए। खड़ी मुद्रा की प्रतिमा उग्र स्वभाव की मानी जाती है।
दीपावली के दिन क्या क्या देखना शुभ?
दिवाली के दिन उल्लू, छिपकली, छछूंदर, बिल्ली का दिखना बेहद ही शुभ माना जाता है। दिवाली की रात यदि किसी व्यक्ति को इनमें से कोई एक भी जानवर दिखाई दे तो ये भाग्योदय का संकेत होता है।
दिवाली पर पितरों का भी पूजन
कार्तिक अमावस्या यानी दिवाली के दिन पर पितरों का पूजन भी किया जाता है. ध्यान रखें कि पितरों का पूजन दक्षिण दिशा की ओर मुख करके किया जाता है। यमराज अमावस्या तिथि के स्वामी यमराज माने गए हैं। इस वजह से दीपावली पर लक्ष्मी पूजा के साथ ही यमराज की पूजा भी करें।
दिवाली पर घर में लक्ष्मी पूजा विधि
(Disclaimer- ये सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं। thesootr.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है)
No comment yet
नरक चतुर्दशी को क्यों कहते हैं छोटी दिवाली और क्यों मनाई जाती है, जानें इतिहास और महत्व
इस बार दो दिन मनेगी धनतेरस, जानें कब तक मुहूर्त, पूजा-पाठ के साथ इन शुभ वस्तुओं की खरीदारी का है विधान