इंदौर. यहां की कृति कोठारी (Kriti Kothari) ने गृहस्थ जीवन छोड़कर संन्यास ग्रहण कर लिया है। 27 साल की उम्र में कृति साध्वी बनीं। 21 फरवरी को एरोड्रम रोड स्थित महावीर बाग में कृति की दीक्षा पूरी हुई। इंदौर (Indore) के जानकी नगर निवासी कृति ने हायर एजुकेशन में MBA किया हुआ है। साथ ही वह इलेक्ट्रिक उत्पादों का कोराबार चलाती थी। कृति को पालीताणा तीर्थ पर आचार्य मणिप्रभ सागर महाराज ने दीक्षा जीवन में प्रवेश की अनुमति प्रदान की है।
परिवार खुशी से झूमा: दीक्षार्थी कृति कोठारी के केश लोचन, वेश परिवर्तन की क्रिया संपन्न हुई। गच्छाधिपति आचार्य जिनमणिप्रभ सूरीश्वर म.सा. ने कृति कोठारी को नया नाम दिया। संयम जीवन में कृति का नाम कृतार्थ प्रभा श्रीजी होगा। नया नाम पुकारते ही कृति का परिवार खुशी से झूम उठा। परिवार के सदस्यों ने स्टेज पर नृत्य कर अपनी खुशी जाहिर की। कृति की मां पुष्पा कोठारी ने बताया कि बेटी ने बहुत अच्छी दिशा में कदम बढ़ाया है। वह आगे भी ऐसे ही कदम बढ़ाती रहे।
जिम्मेदारियों से दूर होना शुरू किया: कृति के पिता महेंद्र का निधन हो चुका है और बड़ी बहन शादीशुदा है। कृति ने मां पुष्पा कोठारी के साथ साधना का अभ्यास किया। तीन वर्षों के दौरान उन्होंने अध्यात्म जीवन एवं दीक्षा पश्चात कठोर जीवन को समझने एवं सीखने का अभ्यास भी किया है। कृति 2018 में चातुर्मास के दौरान साध्वी विरलप्रभा और विपुलप्रभा के संपर्क में आई। तभी से उन्होंने अपनी जिम्मेदारियां परिवार के अन्य सदस्यों को सौंपनी शुरू कर दी थी।