हिंदी कैलेंडर के अनुसार 25 जुलाई, दिन रविवार से सावन का महीना शुरु हो रहा है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इस पूरे महीने में प्रतिदिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि- विधान से पूजा करने का विधान है। शिव- पार्वती पूजा के लिए यह मास सर्वोत्तम एवं सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। सावन के महीने में हर दिन भगवान शिव और माता पार्वती की अराधना कर उनका आशीर्वाद पा सकते हैं। इस माह में सावन सोमवार हो या मंगला गौरी दोनों व्रतों से से शिव शक्ति का आशीर्वाद व अनुकंपा प्राप्त होती है। जो लोग इन व्रतों को रखने में असहज महसूस कर रहें हों तो वे शिवरात्रि का व्रत कर सकते हैं। इससे भी भगवान शिव की कृपा व आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
सावन शिवरात्रि 6 अगस्त को
भगवान शिव को समर्पित मासिक शिवरात्रि, हर माह की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन महीने की चतुर्दशी तिथि 6 अगस्त दिन शुक्रवार शाम को 06 बजकर 28 मिनट पर शुरू हो रही है। यह तिथि अगले दिन यानी 7 अगस्त को शाम 07 बजकर 11 मिनट पर खत्म हो जाएगी। शिवरात्रि की पूजा रात में होती है इसलिए शिवरात्रि का व्रत 6 अगस्त को रखा जाएगा।
सावन शिवरात्रि के पूजा का मुहूर्त
सावन शिवरात्रि का पूजन निशिता काल (रात के 8वें पहर में) में करना सबसे अच्छा माना जाता है। निशिता काल में सावन शिवरात्रि पूजा का समय देर रात 12 बजकर 06 मिनट से देर रात 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा सावन शिवरात्रि पूजा के शुभ मुहूर्त निम्नलिखित हैं-शाम को 07: 08 बजे से रात 09 : 48 बजे तकरात 09 : 48 बजे से देर रात 12 :27 बजे तकदेर रात 12:27 बजे से तड़के 03 : 06 बजे तक07 अगस्त को तड़के 03: 06 बजे से प्रात: 05: 46 बजे तक
सावन शिवरात्रि के पारायण का समय
सावन शिवरात्रि व्रत का पारायण 7 अगस्त को सुबह 05 बजकर 46 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 47 मिनट के बीच किसी भी समय पर कर सकते हैं।