उज्जैन. महाकाल नगरी के ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के ऊपरी तल पर बने नागचंद्रेश्वर के पट खुल गए हैं। इस मंदिर के पट साल में सिर्फ एक बार 24 घंटे के लिए खोले जाते हैं। यहां की मूर्ति में शिव पूरे परिवार के साथ शेष सैया पर विराजमान हैं, जो 11 वीं शताब्दी की बताई जाती है। श्रद्धालु नागचंद्रेश्वर भगवान के दर्शन के लिए साल भर इंतजार करते हैं, लेकिन कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं के मंदिर में जाने पर प्रतिबंध लगाया है। समिति ने दर्शन की सुविधा देने के लिए लाइव दर्शन भी शुरू किया है।
त्रिकाल पूजा की परंपरा
महंत विनीत गिरी ने बताया कि नागचंद्रेश्वर भगवान की त्रिकाल पूजा की परंपरा के मुताबिक तीन अलग-अलग समय पर पूजा होगी। पहली पूजा मध्य रात्रि 12:00 पट खोलने के बाद की जाएगी। दूसरी पूजा 13 अगस्त शुक्रवार को दोपहर 12:00 बजे शासन की ओर से होगी। वहीं तीसरी पूजा शाम 7:30 बजे भगवान महाकाल की संध्या आरती के बाद मंदिर समिति ओर महाकाल मंदिर के पुजारी करेंगे। वही 13 अगस्त की रात 12:00 बजे आरती के बाद मंदिर के पट 1 साल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
कोरोना गाइडलाइन के चलते सिर्फ परंपरा निभाते हुए मंदिर में पूजा हुई है। आम श्रद्धालु सिर्फ एलईडी और सोशल मीडिया के माध्यम से दर्शन का लाभ ले पाएंगे।