दुनिया एक साथ ईद क्यों नहीं मनाती, भारत में 3 मई को ईद, नहीं दिखा चांद

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Shivasheesh Tiwari
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दुनिया एक साथ ईद क्यों नहीं मनाती, भारत में 3 मई को ईद, नहीं दिखा चांद

Delhi. रमजान के पाक महीने के 29वें दिन चांद नहीं दिखाई दिया। लखनऊ के मरकजी चांद कमेटी के अध्यक्ष ने पत्र जारी कर कहा, आज शव्वाल का चांद नहीं दिखा है, इस हिसाब से कल 30वां रोजा होगा और पूरे देश में 3 मई को ईद मनाई जाएगी। लखनऊ के ईदगाह में ईद-उल-फितर की नमाज 3 मई की सुबह 10 बजे होगी। पिछले 2 सालों से ईद के त्योहार की रौनक कोरोना महामारी की वजह से गायब हो गई थी। इस साल कोरोना के मामले कम हैं और पाबंदियां भी पिछले 2 सालों की तुलना में कम हैं। इस वजह से ईद की तैयारियां बाजारों में दिखाईं दे रहीं हैं।





सभी मुसलमान एक ही दिन ईद क्यों नहीं मनाते





सऊदी अरब में 2 मई को ईद मनाई जाएगी। सऊदी प्रेस एजेंसी ने रॉयल कोर्ट के हवाले बताया है कि 1 मई को रमजान का आख़िरी दिन है और 2 मई को ईद उल फितर का पहला दिन होगा। वहीं अफ़ग़ानिस्तान में 1 मई को ही ईद मना ली गई है। भारत की बात करें तो यहां पर 3 मई को ईद मनाई जाएगी। ऐसे में ये सवाल ज़रूर मन में आता है कि दुनिया के सभी मुसलमान एक ही दिन ईद क्यों नहीं मनाते हैं।





आमतौर पर सऊदी अरब में ईद के एक दिन बाद कई देशों में ईद मनाई जाती है। कुछ जगहों पर सऊदी अरब के साथ ही ईद मना लिया जाता है और हर साल चांद दिखने को लेकर बहस होती है। ऐसा नहीं है कि चांद अपने ही देश में दिखना चाहिए। इमाम अबू हनीफ़ा और पैगंबर ने कहा है कि एक ही दिन रोज़ा रखना चाहिए और तोड़ देना चाहिए। जब चांद उगता है तो चंद्र मास शुरू होता है। मक्का मुसलमानों के लिए पवित्र जगह है। अगर वहां चांद दिख गया तो उस आधार पर मुस्लिम देशों में ईद मनाई जानी चाहिए। दो देशों के बीच के समय अंतर इसमें कोई बड़ी समस्या नहीं है।





अलग-अलग तर्क क्या हैं?





भौगोलिक कारणों की वजह से बांग्लादेश में अरब देशों के एक दिन बाद चांद दिखता है। अरब देशों में चांद बांग्लादेश से पहले दिख जाता है। हालांकि, बांग्लादेश से समय में आगे आने वाले मलेशिया और इंडोनेशिया, अरब दुनिया की तरह ही ईद मनाते हैं। अफ्रीका के कुछ मुस्लिम देश भी ऐसा ही करते हैं। ढाका विश्वविद्यालय में अरबी के प्रोफेसर ज़ुबैर मुहम्मद अहसानुल हक़ का कहना है कि मुस्लिम नियमों के मुताबिक़, अगर कहीं किसी मुस्लिम देश में चांद दिख जाता है तो ये सभी मुसलमानों पर लागू होगा। सभी इस बात पर सहमति जताते हैं कि हिजरी वर्ष का चंद्र मास नग्न आंखों से चांद दिखते ही शुरू हो जाता है। ये इस्लाम का नियम है। इसी वजह से कई इस्लामिक धर्मगुरु आज भी अपने-अपने देशों में नग्न आंखों से चांद को देखने पर एतबार करते हैं। 





जानिए क्या है रमजान का महत्व





रमजान का महीना 29 दिन या 30 दिन का होता है। अगर ईद 2 मई को होती तो भारत में रमजान का महीना 29 दिन का होता और अगर ईद 3 मई को होगी तो भारत में भी रमजान का महीना 30 दिनों का होगा। अरब देशों में इस बार रमजान का महीना 30 दिनों का होगा। इस्लाम धर्म में मान्यता है कि रमजान में रहमत के दरवाजे खुल जाते हैं। इस महीने में की जाने वाली इबादतों का सवाब कई गुना बढ़ जाता है। रमजान के महीने को 10-10 दिन करके तीन हिस्सों में बांटते हैं और इसे अशरा कहते हैं। पहले अशरे में माना जाता है कि अल्लाह रहमत करते हैं। कहा जाता है कि दूसरे अशरे में गुनाहों की माफी होती है, जबकि तीसरा अशरा जहन्नम की आग से खुद को बचाने के लिए होता है।







 



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