साल की अंतिम अमावस्या पर अद्भुत संयोग, इन उपायों से दूर होगी दरिद्रता

स्कंदपुराण के अनुसार मार्गशीर्ष अगहन अमावस्या तिथि को भगवान विष्णु के साथ माता महालक्ष्मी का विशेष पूजन कर इस उपाय को करने से माता लक्ष्मी घर में स्थाई रूप से निवास करके घोर दरिद्रता का नाश कर देती है और घर की तिजोरी हमेशा भरी रहती है।

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Shyam Kishor Suryawanshi
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Aghan Amavasya A wonderful coincidence is taking place on the Amavasya of the last month of 2024

इस साल के अंतिम माह यानी की दिसंबर 2024 में मार्गशीर्ष मास के अगहन मास की अमावस्या तिथि पड़ रही है, जिस दिन एक अद्भुत संयोग बन रहा है। इस दिन सबके पालनहार भगवान विष्णुजी और माता महालक्ष्मी जी की विशेष पूजा करने का विधान शास्त्र बताते हैं, साथ इस तिथि में अपने दिवंगत पितरों की पूजा करने का भी विधान बताया गया है। लेकिन इन सबके अलावा भी अगर कोई इस दिन इस सिद्ध उपाय को कर लेता है तो माता महालक्ष्मी सदैव के लिए उसके घर में स्थाई रूप से निवास करने लगती है।

इस उपाय से होगा घोर दरिद्रता का नाश

स्कंदपुराण के अनुसार पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को हिंदू धर्म में बहुत खास माना गया है, लेकिन अगर मार्गशीर्ष मास में अगहन मास अमावस्या तिथि और उस दिन अनुराधा नक्षत्र भी हो तो उसे दिन बहुत शुभ सहयोग माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार अगर इस दिन कोई माता गंगा में जाकर स्नान करता है तो उसके जन्म जन्मांतर के पापों से छुटकारा मिल जाता है। अगर आप चाहते हैं कि आपके घर में माता लक्ष्मी स्थाई रूप से निवास करें तो इस अमावस्या तिथि को भगवान विष्णु के साथ माता महालक्ष्मी का विशेष पूजन करने बाद माता लक्ष्मी नीचे दिए बताएं गए इन 108 नामों का जप पूर्ण श्रद्धा के साथ कर लेता है तो उसके जीवन की घोर दरिद्रता का नाश हो जाता है और घर की तिजोरी हमेशा भरी रहेगी।

पूर्वज पितृ हो जाते हैं प्रसन्न

गरुड़पुराण के अनुसार अगर कोई व्यक्ति पितृदोष से परेशान हो तो इस अगहन की अमावस्या के अपने पूर्वज पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान करके उनके मोक्ष की प्राप्ति की कामना करते हुए पूजन करेंगे तो पितृ की कृपा आपके ऊपर बनी रहेगी और पितृ दोष खत्म हो जाएंगे।

इस दिन है अगहन अमावस्या तिथि

ज्योतिष पंचाग के अनुसार साल 2024 की अमावस्या तिथि 30 नवंबर को सुबह 10 बजकर 29 मिनट पर आरंभ होगी जो 1 दिसंबर को सुबह 11 बजकर 50 मिनट तक रहेगी।

 माता महालक्ष्मी के 108 सिद्ध नाम

1. ऊँ प्रकत्यै नम:

2. ऊँ विकृत्यै नम:

3. ऊँ विद्यायै नम:

4. ऊँ सर्वभूत-हितप्रदायै नम:

5. ऊँ श्रद्धायै नम:

6. ऊँ विभूत्यै नम:

7. ऊँ वसुन्धरायै नमः

8. ऊँ उदारांगायै नमः

9. ऊँ हरिण्यै नमः

10. ऊँ हेममालिन्यै नमः

11. ऊँ धनधान्य-कर्ये नमः

12. ऊँ सिद्धयै नमः

13. ऊँ स्त्रैणसौम्यायै नमः

14. ऊँ शुभप्रदायै नमः

15. ऊँ नृपवेश्मगतानन्दायै नमः

16. ऊँ सुरभ्यै नम:

17. ऊँ परमात्मिकायै नम:

18. ऊँ वाचे नम:

19. ऊँ पद्मालयायै नम:

20. ऊँ पद्मायै नमः

21. ऊँ शुचय़ै नमः

22. ऊँ स्वाहायै नमः

23. ऊँ स्वधायै नमः

24. ऊँ सुधायै नमः

25. ऊँ धन्यायै नमः

26. ऊँ हिरण्मयै नमः

27. ऊँ लक्ष्म्यै नमः

28. ऊँ नित्यपुष्टायै नमः

29. ऊँ विभावर्यै नमः

30. ऊँ अदित्यै नमः

31. ऊँ दित्यै नमः

32. ऊँ दीप्तायै नमः

33. ऊँ वसुधायै नमः

34. ऊँ वसुधारिण्यै नमः

35. ऊँ कमलायै नमः

36. ऊँ कान्तायै नमः

37. ऊँ कामाक्ष्यै नमः

38. ऊँ क्रोधसंभवायै नमः

39. ऊँ अनुग्रहप्रदायै नमः

40. ऊँ बुद्धयै नमः

41. ऊँ अनघायै नमः

42. ऊँ हरिवल्लभायै नमः

43. ऊँ अशोकायै नमः

44. ऊँ अमृतायै नमः

45. ऊँ दीप्तायै नमः

46. ऊँ लोकशोकविनाशिन्यै नमः

47. ऊँ धर्म-निलयायै नमः

48. ऊँ करुणायै नमः

49. ऊँ लोकमात्रे नमः

50. ऊँ पद्मप्रियायै नमः

51. ऊँ पद्महस्तायै नमः

52. ऊँ पद्माक्ष्यै नमः

53. ऊँ पद्मसुन्दर्यै नमः

54. ऊँ पद्मोद्भवायै नमः

55. ऊँ भास्कर्यै नमः

56. ऊँ बिल्वनिलयायै नमः

57. ऊँ वरारोहायै नमः

58. ऊँ यशस्विन्यै नमः

59. ऊँ वरलक्ष्म्यै नमः

60. ऊँ वसुप्रदायै नमः

61. ऊँ शुभायै नमः

62. ऊँ हिरण्यप्राकारायै नमः

63. ऊँ समुद्रतनयायै नमः

64. ऊँ पद्ममुख्यै नमः

65. ऊँ पद्मनाभप्रियायै नमः

66. ऊँ रमायै नमः

67. ऊँ पद्ममालाधरायै नमः

68. ऊँ देव्यै नमः

69. ऊँ पद्मिन्यै नमः

70. ऊँ पद्मगन्धिन्यै नमः

71. ऊँ पुण्यगन्धायै नमः

72. ऊँ सुप्रसन्नायै नमः

73. ऊँ प्रसादाभिमुख्यै नमः

74. ऊँ प्रभायै नमः

75. ऊँ चन्द्रवदनायै नमः

76. ऊँ चन्द्रायै नमः

77. ऊँ चन्द्रसहोदर्यै नमः

78. ऊँ चतुर्भुजायै नमः

79. ऊँ विष्णुपत्न्यै नमः

80. ऊँ प्रसन्नाक्ष्यै नमः

81. ऊँ नारायणसमाश्रितायै नमः

82. ऊँ दारिद्र्यध्वंसिन्यै नमः

83. ऊँ देव्यै नमः

84. ऊँ सर्वोपद्रव-वारिण्यै नमः

85. ऊँ नवदुर्गायै नमः

86. ऊँ महाकाल्यै नमः

87. ऊँ ब्रह्माविष्णु-शिवात्मिकायै नमः

88. ऊँ त्रिकालज्ञान-संपन्नायै नमः

89. ऊँ भुवनेश्वर्यै नमः

90. ऊँ चन्द्ररूपायै नमः

91. ऊँ इन्दिरायै नमः

92. ऊँ इन्दुशीतलायै नमः

93. ऊँ अह्लादजनन्यै नमः

94. ऊँ पुष्टयै नमः

95. ऊँ शिवायै नमः

96. ऊँ शिवकर्यै नमः

97. ऊँ सत्यै नमः

98. ऊँ विमलायै नमः

99. ऊँ विश्वजनन्यै नमः

100. ऊँ तुष्टयै नमः

101. ऊँ दारिद्र्यनाशिन्यै नमः

102. ऊँ प्रीतिपुष्करिण्यै नमः

103. ऊँ शान्तायै नमः

104. ऊँ शुक्लमाल्यांबरायै नमः

105. ऊँ श्रियै नमः

106. ऊँ जयायै नमः

107. ऊँ मंगलादेव्यै नमः

108. ऊँ विष्णुवक्षस्थलस्थितायै नमः

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