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2025 की अमरनाथ यात्रा सुरक्षा के लिहाज से ऐतिहासिक होगी क्योंकि इस बार यात्रा के दौरान 58 हजार जवान, जैमर और ड्रोन की तैनाती की जाएगी। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सरकार ने इस साल यात्रा की सुरक्षा को उच्चतम स्तर तक बढ़ा दिया है।
इससे पहले अमरनाथ यात्रा 52 दिन तक होती थी, लेकिन इस साल इसे 38 दिन तक सीमित किया गया है। सरकार का लक्ष्य तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है और इसके लिए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
38 दिन चलने वाली इस यात्रा में 581 सीएपीएफ कंपनियां तैनात होंगी। यात्रा 3 जुलाई से 9 अगस्त तक होगी और सुरक्षा के लिए मार्गों को अस्थायी रूप से बंद किया जाएगा।
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यात्रा मार्ग पर सुरक्षा उपाय
अमरनाथ यात्रा में 581 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कंपनियों की तैनाती की जाएगी। इनमें हर कंपनी में 100 से 124 जवान होंगे, जिससे कुल 58 हजार से अधिक जवानों का कड़ा सुरक्षा घेरे का हिस्सा बनेंगे।
इन जवानों के साथ ही जैमर और ड्रोन का उपयोग होगा, ताकि यात्रा मार्ग और आसपास की इलाकों पर निगरानी रखी जा सके।
साथ ही, क्यूएटी (त्वरित प्रतिक्रिया दल), बीडीएस (बम निरोधक दस्ते) और के9 यूनिट (खोजी कुत्तों की यूनिट) जैसी इकाइयों की तैनाती होगी।
यात्रा मार्ग पर सभी सुरक्षा गाड़ियां और रास्तों को अस्थायी रूप से बंद किया जाएगा, ताकि तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किया जा सके।
पहलगाम और बालटाल मार्ग पर सुरक्षा
अमरनाथ यात्रा में दो प्रमुख मार्ग होते हैं - पहलगाम और बालटाल। दोनों मार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। पिछले साल की 52 दिनों की यात्रा की तुलना में इस साल की यात्रा छोटी है, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से अत्यधिक संवेदनशील और उच्चतम स्तर की होगी।
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विशेष सुरक्षा टीमों का गठन
अधिकारियों ने विशेष रूप से यात्रा के मार्ग की निगरानी के लिए रोड ओपनिंग पार्टी (ROP) और ट्रैफिक कंट्रोल के उपाय किए हैं। इसके अलावा, विस्फोटक और बम निष्क्रियकरण दस्ते (बीडीएस) विस्फोटकों को पहचानने और निष्क्रिय करने के लिए तैयार होंगे। अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से 9 अगस्त 2025 के बीच होगी। इस बार यात्रा की अवधि 38 दिन होगी, जिसे सुरक्षा कारणों से घटाया गया है।
सुरक्षा समीक्षा
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह और सेना के उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने हाल ही में सुरक्षा उपायों की समीक्षा की थी। इस बार यात्रा में हर पहलू पर विचार किया गया है, ताकि तीर्थयात्रियों की यात्रा बिना किसी विघ्न के पूरी हो सके।
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यात्रा के महत्व
अमरनाथ गुफा, जो लगभग 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, भारत के प्रमुख हिंदू तीर्थ स्थलों में से एक है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहां भगवान शिव के बर्फीले शिवलिंग का दर्शन करने आते हैं। यह यात्रा हर साल श्रावण माह में होती है, जो जुलाई से अगस्त के बीच होता है।
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