अन्नपूर्णा जयंती प्रतिवर्ष मार्गशीर्ष अगहन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। ज्योतिष शास्त्र पंचांग के अनुसार इस साल 2024 में अन्नपूर्णा जयंती पर्व 15 दिसंबर, दिन रविवार को मनाया जाएगा। माता अन्नपूर्णा को आदिशक्ति माता पार्वती का ही एक रूप माना जाता है, जो भगवान शंकर की अति प्रिय भक्त भी हैं और शक्ति भी, जिन्हें सुख समृद्धि और अन्न की देवी के रूप में पूजा जाता है।
प्रसन्न होकर देती हैं भरपूर अन्न समृद्धि का वरदान
धर्म शास्त्रों में माता अन्नपूर्णा को अन्न और समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी बताया गया है। मां अन्नपूर्णा की कृपा से भक्तों के घर में अन्न की कभी कमी नहीं रहती।अगर कोई अपने घर में विधि विधान से अन्नपूर्णा जयंती के दिन माता अन्नपूर्णा का पूजन करता है, तो उनके घर परिवार में सुख समृद्धि के साथ अन्न का भंडार हमेशा भरा रहता है। अन्नपूर्णा जयंती पर माता अन्नपूर्णा की पूजा करने से घर में सुख-शांति का वास होने के साथ माता अन्नपूर्णा अपने भक्तों के सारे कष्ट दूर कर देती हैं।
अन्नपूर्णा जयंती के दिन दान का महत्त्व
अन्नपूर्णा जयंती के शुभ दिन पूजन अर्चन के बाद जरूरतमंदों को दान के रूप में अन्न दान, वस्त्र दान, धन दक्षिणा आदि का दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। ऐसा करने वाले भक्तों से माता अन्नपूर्णा अत्यंत प्रसन्न उनके जीवन को सुखमय बना देती है।
इस विधि से करें माता का पूजन
मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि यानी अन्नपूर्णा जयंती वाले दिन माता अन्नपूर्णा का शास्त्रोंक्त षोडशोपचार पूजन करना चाहिए- पूजा की निर्विघ्न सफलता के लिए सबसे पहले भगवान गणेशजी का पूजन करना चाहिए। इसके बाद माता का ध्यान करते हुए नीचे दिए गए मंत्र का उच्चारण करते हुए उनका आवाहन करें। आवाहन के माता को शुद्धजल से आचमन और स्नान कराकर वस्त्र और आभूषण अर्पित करें, इत्र, सिंदूर, कुमकुम, चंदन का टीका माता को लगाकर धूप, दीप और आरती अर्पित करें एवं बाद में इस दिन पर्यावरण की शुद्धि के लिए किसी भी एक पौधे का रोपण जरूर करें।
इस मंत्र का जप करें
माँ अन्नपूर्णा को प्रसन्नकर उनकी कृपा पाने के लिए माता अन्नपूर्णा को खीर, पूड़ी, हलवा आदि का भोग लगाकर, इस मंत्र- “ॐ श्रीं अन्नपूर्णे देव्यै नमः” का जप 251 बार करना चाहिए और जप के बाद “श्री अन्नपूर्णा चालीसा” का पाठ भी एक बार अवश्य करना चाहिए।