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सावन का महीना हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह महीने भर चलने वाला त्यौहार परिवारों के बीच सौहार्द और समृद्धि का प्रतीक बनता है। सावन महीने में सुहागिन महिलाएं हरे रंग की चूड़ियां पहनती हैं जो उनके सौभाग्य, समृद्धि और मानसिक शांति के प्रतीक माने जाते हैं।
इन चूड़ियों के पीछे आध्यात्मिक, भावनात्मक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बहुत सी महत्वपूर्ण बातें छुपी हुई हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि सावन में हरी चूड़ियां पहनने के फायदे क्या हैं और इसके धार्मिक महत्व के बारे में।
हरी चूड़ियां और उनकी धार्मिक महत्ता
देवी पार्वती का प्रिय रंग
सावन का महीना विशेष रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का समय होता है। हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, हरा रंग माता पार्वती को अत्यंत प्रिय है और इस समय महिलाएं हरी चूड़ियां पहनकर देवी को प्रसन्न करने की कोशिश करती हैं।
यह माना जाता है कि हरी चूड़ियां पहनने से महिला को अखंड सौभाग्य और दीर्घायु मिलती है। साथ ही उनके वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है।
सौभाग्य और पति की दीर्घायु की कामना
सावन के महीने में हरी चूड़ियां पहनने का एक और मुख्य कारण यह है कि ये पति की लंबी उम्र और सुखी जीवन की कामना से जुड़ी हुई हैं।
हिन्दू धर्म में चूड़ियों का खास महत्व है और हरी चूड़ियां पहनने से स्त्रियों को अपने पति के स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए आशीर्वाद मिलता है। इस दौरान महिलाएं मंगला गौरी व्रत करती हैं और पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं।
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हरी चूड़ियां पहनने के लाभ
सच्चाई और खुशी का प्रतीक
हरा रंग प्रकृति और जीवन का प्रतीक है। यह रंग मानसिक शांति और सच्चाई का प्रतीक माना जाता है। जब महिलाएं हरी चूड़ियां पहनती हैं, तो यह उनके दांपत्य जीवन में भी खुशहाली और सामंजस्य का प्रतीक बनता है। साथ ही, हरे रंग का यह प्रतीक उनके परिवार में प्रेम और सहयोग को बढ़ावा देता है।
मानसिक और भावनात्मक संतुलन
आयुर्वेद और रंग चिकित्सा के मुताबिक, हरा रंग मानसिक संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। यह रंग तनाव और घबराहट को कम करता है और हृदय को शांत रखने में सहायक होता है। सावन में जब महिलाएं व्रत और पूजा करती हैं, तो यह हरा रंग उनके मानसिक स्वास्थ्य को स्थिर बनाए रखता है।
शुभता और मंगल का संकेत
सावन में हरी चूड़ियां पहनना शुभता और मंगल का प्रतीक माना जाता है। यह चूड़ियां मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं और वातावरण को शांति और सौहार्द से भर देती हैं। जब महिलाएं हरी चूड़ियां पहनती हैं, तो यह न केवल उनके रूप और श्रृंगार को बढ़ाती हैं, बल्कि घर में खुशी और उल्लास का माहौल भी बनाती हैं।
चूड़ियों की खनक
चूड़ियों की खनक से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह ऊर्जा महिला के मनोबल और आत्मविश्वास को बढ़ाती है। चूड़ियों की आवाज वातावरण को भी शुद्ध करती है और यह घर में सकारात्मक ऊर्जा लाती है।
शरीर में ऊर्जा का संचार
हरी चूड़ियों की खनक न केवल सुंदर लगती है, बल्कि यह शरीर में नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करके सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करती है। इससे महिला अधिक सक्रिय, प्रेरित और सकारात्मक महसूस करती है। यह उनके शरीर को ताजगी और उत्साह से भर देती है।
सावन में हरी चूड़ियां पहनने के लाभ
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हरी चूड़ियां और स्वास्थ्य लाभ
हृदय चक्र और प्रेम
आध्यात्मिक रूप से, हरा रंग हृदय चक्र से जुड़ा होता है जो प्रेम, करुणा और भावनात्मक संतुलन का केंद्र है। हरी चूड़ियां पहनने से स्त्रियों के भीतर प्रेम, करुणा और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। यह उनके हृदय को शांति और संतुलन देती है।
मानसिक शांति और आंतरिक संतुलन
हरे रंग का मानसिक शांति से गहरा संबंध है। यह मानसिक तनाव को कम करने में सहायक होता है और महिला को मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है।
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