वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जानते हैं। इस दिन भगवान विष्णु के पूजन का विधान है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन गौतम बुद्ध ( gautam budh ) ने भगवान विष्णु के अवतार के रूप मे जन्म लिया था और इसी तिथि पर उन्हें ज्ञान की भी प्राप्ति हुई थी। इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं। हिन्दू और बौद्ध अनुयायियों के लिए यह दिन बेहद खास होता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 22 मई को शाम 5 बजकर 50 मिनट से अगले दिन 23 मई को संध्याकाल 6 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। उदया तिथि के अनुसार इस साल 23 मई 2024, ( budh purnima 2024 ) दिन गुरुवार को बुद्ध पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा।
बुद्ध पूर्णिमा पर बन रहे शुभ संयोग
इस वर्ष बुद्ध पूर्णिमा का दिन और ज्यादा खास होने वाला है क्योंकि इस दिन कुछ शुभ योग का निर्माण हो रहा है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन शिव योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण होगा और शुक्र-सूर्य की युति से शुक्र आदित्य योग और राजभंग योग का भी निर्माण होगा। इस दिन गुरु-शुक्र की वृषभ राशि में युति भी होने जा रही है इससे गजलक्ष्मी राजयोग और गुरु और सूर्य की युति से गुरु आदित्य योग का संयोग बन रहा है।
गजलक्ष्मी राजयोग के बारे में मान्यता है कि इस योग में किए गए कार्य सफल होते हैं और धन की प्राप्ति होती
बुद्ध पूर्णिमा पर जरूर करें ये काम, होगा चमत्कार
बुद्ध पूर्णिमा के दिन सुबह किसी पवित्र नदी या गंगा में स्नान जरूर करना चाहिए। स्नान के बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए और फिर काला तिल बहते हुए जल में प्रवाहित करना चाहिए। इसके अलावा इस दिन जरूरतमंद या ब्राह्मण को इच्छा शक्ति अनुसार दान भी करना चाहिए। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं।
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