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BHOPAL. 8 नवंबर को देश-दुनिया में साल 2022 का आखिरी ग्रहण देखने को मिलेगा। यह ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। 15 दिन के अंतराल पर यह दूसरा ग्रहण होगा। इसके पहले 25 अक्तूबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगा था। भारत में इस चंद्र ग्रहण को देखा जा सकेगा, जिसके कारण ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा। चंद्र ग्रहण में सूतक काल ग्रहण के शुरू होने से 9 घंटे पहले लगेगा। भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखेगा। भारत के अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और पेसिफिक में दिखाई देगा।
चन्द्र ग्रहण का समय
चंद्रग्रहण शाम 5.32 बजे शुरू होगा, जो शाम 6.19 बजे खत्म हो जाएगा। सूतक काल सुबह 8.10 बजे शुरू होगा, जो शाम 6.19 बजे समाप्त होगा। सूतक काल शुरू होने के बाद मंदिरों में दर्शन पर रोक रहेगी। सूतक शुरू होते ही मंदिरों के पट बंद कर दिए जाएंगे। सूतक काल की समाप्ति के बाद मंदिरों के पट खोले जाएंगे और देव स्नान और सफाई के बाद पूजा-अर्चना होगी।
चंद्र ग्रहण में करें ये उपाय
चंद्र ग्रहण के दौरान पूजा और भगवान का ध्यान करें। देवताओं की पूजा को शुभ माना जाता है। चंद्र ग्रहण में कुछ भी खाने-पीने से बचना चाहिए। इस दौरान हमारे आस-पास कई तरह के बैक्टीरिया पैदा हो जाते हैं, जो हमारे शरीर में जा सकते हैं। खास बात यह है कि चंद्र ग्रहण के दिन गंगा में स्नान कर दान करना अधिक शुभ माना गया है।
- चंद्र ग्रहण की तिथि: 08 नवंबर, सोमवार 2022
कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि पर लगने वाला यह साल 2022 का दूसरा चंद्र ग्रहण होगा। 15 दिन पहले साल का आखिरी सूर्य ग्रहण दिवाली के अगले दिन कार्तिक अमावस्या के दिन पड़ा था। 08 नवंबर को चंद्र ग्रहण की शुरूआत भारत में शाम 05 बजकर 28 मिनट से होगी और इसका समापन 07 बजकर 26 मिनट पर होगा।
चंद्र ग्रहण के दौरान करें मां लक्ष्मी के उपाय
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, सूतक काल में शुभ और मांगलिक कार्यों की मनाही होती है। चंद्र ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव जीवन पर बुरा असर डालता है। ऐसे में मां लक्ष्मी के ये टोटके करने से समृद्धि आती है। पैसे से जुड़ी आपकी सारी परेशानियां खत्म हो सकती हैं।
चंद्र ग्रहण लगने से पहले स्नान करके पीला वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद घर के अंदर या किसी एकांत कमरे में उत्तर दिशा की तरफ मुख करके बैठ जाएं। अब एक थाली में केसर से स्वास्तिक या ऊं बनाएं। इस थाली को चौकी पर रखें और इस पर महालक्ष्मी यंत्र स्थापित करें। इसके बाद एक दूसरी थाली में शंख स्थापित करें। इसके बाद शंख में केसर से रंगे एक मुट्ठी चावल डालें और अब शुद्ध घी का दिया जलाएं। इसके बाद स्फटिक की माला से 'ॐ पुते सदा देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते' मंत्र का जाप करें। चंद्र ग्रहण की समाप्ति के बाद इस पूरी सामग्री को किसी तालाब में जाकर विसर्जित कर दें। मान्यता हैं कि इस उपाय से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन की प्राप्ति हैं।