बीके पाठे, CHHINDWARA. छिन्दवाड़ा के सिद्ध सिमरिया हनुमान धाम में आयोजित तीन दिवसीय दिव्य कथा का आज विधि विधान से पूजन अर्चन के साथ समापन हुआ। धर्मानुरागी व कथा के मुख्य यजमान सांसद नकुलनाथ ने कथा के मंच से जामसांवली वाले हनुमान जी महाराज व सिमरिया के संकट मोचन हनुमान जी के जयकारे लगाते हुये छिन्दवाड़ा सहित महाकौशल से पधारे श्रद्धालु श्रोताजनों का अभिवादन किया। बागेश्वर सरकार पंड़ित धीरेन्द्र शास्त्री को प्रणाम कर उन्होंने कहा कि इस दिव्य कथा को सुनने और बागेश्वर बालाजी के चरणों में नमन करने आए अन्य जिलों और अन्य प्रदेशों के भक्तजनों की ओर से भी हमारा प्रणाम।
हमारी नगरी को आपने सोना बना दिया: नकुलनाथ
लाखों लोगों को सम्बोधित करते हुये सांसद नकुलनाथ ने कहा कि बागेश्वर धाम के प्रधान पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी ने तीन दिनों में हमारी छिन्दवाड़ा नगरी को सोना-सोना बना दिया है। किन्तु जब आप हमसे दूर जा रहे हैं तो सब सूना-सूना लग रहा है। आपने अपनी दिव्य कथा और बागेश्वर बालाजी की कृपा से सभी भक्तों को जो भक्ति और समरसता का संदेश दिया है उसका आदर और सम्मान होगा।
धीरेन्द्र शास्त्री ने आदिवासियों का किया सम्मान: कमलनाथ
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिव्य कथा में उपस्थित भक्तजनों को सम्बोधित करते हुये कहा कि मैं अभी झाबुआ से लौट रहा हूं। वहां मैंने जिक्र किया कि छिन्दवाड़ा में चल रही दिव्य कथा में बागेश्वर धाम के प्रधान पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने आदिवासियों का सम्मान किया और आज हम सर्व धर्म का सम्मान करने जा रहे हैं। मैं हिन्दू हूं यह बात गर्व से कहता हूं, किन्तु हम अन्य धर्मों का भी सम्मान करते हैं।
आपका और मेरा संबंध हनुमान जी से है: कमलनाथ
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने उदबोधन में आगे कहा कि आदरणीय महाराज जी मेरे छिन्दवाड़ा सहित आसपास के जिलों से पधारे श्रद्धालुओं का स्वागत अभिवादन करता हूं। मेरा और आपका हनुमान जी का संबंध है। आपने मुझसे अभी छुटकारा नहीं पाया है और आगे भी नहीं पा सकते। कुछ सम्बंध ऐसे होते हैं जो जीवन पर्यंत बने रहते हैं। 40 सालों में मैंने जिला, प्रदेश और देश की सेवा ही की है। और ऐसे कार्य किये हैं जिन्हें हमेशा जनता से सराहना ही मिली है मुझ पर कोई उंगली नहीं उठा सकता। कमलनाथ ने अंत में कहा कि हमारी भूख अभी मिटी नहीं है और मिट भी नहीं सकती। अगर बागेश्वर धाम के महाराज पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी आते रहेंगे तो भूख भी थोड़ी-थोड़ी मिटती रहेगी। कमलनाथ ने अंत में महाराज से पुन: आगमन के लिये आग्रह किया।