BHOPAL. इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लगने वाला है। यह सूर्य ग्रहण कंकणाकृति आकृति का दिखाई देगा, इसे वलयाकार सूर्य ग्रहण भी कहा जाता है। ग्रहण गुरुवार को सुबह 7 बजकर 4 मिनिट से शुरु होगा, जो दोपहर 12 बजकर 29 मिनिट तक रहेगा। इसके ठीक 15 दिन बाद चंद्र ग्रहण लगेगा। इस बार सूर्य ग्रहण मेष, कन्या, सिंह और मकर राशि का प्रभावित करेगा।
इस साल लगेंगे कुल 4 ग्रहण
साल 2023 में कुल 4 ग्रहण लगेंगे। जिसमें पहला ग्रहण अप्रैल महीने में लगने जा रहा है। जिसके ठीक 15 दिन बाद यानी 5 मई को साल का पहला चंद्र ग्रहण लगेगा। पहला चंद्र ग्रहण रात 8 बजकर 45 मिनिट से शुरु होकर रात 1 बजे समाप्त होगा। भारत में यह ग्रहण कुल 4 घंटे 15 मिनट तक रहेगा। वहीं दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर व दूसरा चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर को लगेगा।
किसे कहते हैं कंकणाकृति सूर्यग्रहण
वलयाकार या कंकणाकृति सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूर्य को इस तरह ढकता है कि सूर्य का केवल बीच के भाग में छाया आ जाती है। इस तरह के ग्रहण में चंद्रमा, सूर्य को पूरी तरह नहीं ढका है। यह कंगन यानी वलय के रुप में चमकता है। कंगन आकार से बने या फिर कंगन की तरह दिखने वाले इस सूर्य ग्रहण को ही वलयाकार सूर्य ग्रहण या कंकणाकृति सूर्यग्रहण कहते हैं। इस तरह के ग्रहण के दौरान सूर्य में छोटे-छोटे धब्बे उभरते हैं जो कंकण के आकार के होते हैं इसीलिए भी इसे कंकणाकृति सूर्यग्रहण कहा जाता है।
इन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव
मेष राशि- यह सूर्य ग्रहण मेष राशि में ही लग रहा है, लिहाजा सबसे ज्यादा असर इसी राशि के जातकों पर पड़ सकता है। इन जातकों को करियर में समस्या आ सकती है। तनाव हो सकता है। बेहतर होगा कि ये समय धैर्य से निकालें।
कन्या राशि- सूर्य ग्रहण कन्या राशि वालों के लिए भी अच्छा नहीं कहा जा सकता है। इनका किसी से विवाद हो सकता है, बेहतर है कि इस राशि के व्यक्ति अपनी वाणी पर संयम रखें।
सिंह राशि- सिंह राशि का स्वामी सूर्य हैं और सूर्य ग्रहण इस राशि के जातकों को भी खासा प्रभावित करेगा। इन लोगों को मेहनत का पूरा फल नहीं मिलेगा। काम बनते-बनते बिगड़ सकते हैं।
मकर राशि- सूर्य ग्रहण मकर राशि के जातकों को भी खासा प्रभावित कर सकता है, उनके खर्चे बढ़ेंगे, धन हानि हो सकती है। सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।
क्या भारत में दिखेगा सूर्य ग्रहण?
यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा और न ही इसका कोई प्रभाव भारत में रहने वाले लोगों पर पड़ेगा। यह सूर्य ग्रहण कंबोडिया, चीन, अमेरिका, माइक्रोनेशिया, मलेशिया, फिजी, जापान, समोआ, सोलोमन, बरूनी, सिंगापुर, थाईलैंड, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, वियतनाम, ताइवान, पापुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण हिंद महासागर और दक्षिण प्रशांत महासागर जैसी जगहों पर दृश्यमान होगा।
क्या मान्य होगा सूतक काल?
किसी भी ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है। सूतक काल में पूजा-पाठ की मनाही होती है। इस अवधि में भगवान की मूर्तियों का स्पर्श नहीं करना चाहिए। लेकिन सूतक काल केवल तभी मान्य होता है, जब सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई दे। साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।