/sootr/media/media_files/2025/08/28/ganesh-utsav-special-2025-08-28-15-41-32.jpg)
Ganesh Utsav Special:देशभर में गणेश उत्सव का पावन पर्व जोरों शोरों से मनाया जा रहा है। इस दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश भक्तों को दर्शन देकर उनके सभी कष्टों को दूर करते हैं।
हिंदू पौराणिक कथाओं और शास्त्रों में भगवान गणपति के 32 रूपों का उल्लेख मिलता है। ये सभी रूप जीवन के अलग-अलग पहलुओं को दर्शाते हैं और हर रूप का अपना एक विशेष महत्व है।
गणेश जी के इन 32 रूपों की आराधना करने से भक्तों को जीवन में समृद्धि, ज्ञान, शक्ति और सफलता का आशीर्वाद मिलता है। आइए जानते हैं गणपति के इन दिव्य रूपों और उनके महत्व के बारे में विस्तार से।
गणपति के दिव्य 32 रूप
बाल गणपति (Bal Ganpati)
- बाल गणपति भगवान गणेश (भगवान गणेश की कृपा) का बाल स्वरूप हैं। ये सुनहरे रंग के हैं और इनके हाथों में केला, आम, गन्ना और कटहल जैसे फल हैं, जो धरती की प्रचुरता और उर्वरता के प्रतीक हैं। इनकी सूंड में इनका प्रिय मिष्ठान मोदक है। इनकी पूजा बच्चों को ज्ञान और खुशी का आशीर्वाद देती है।
तरुण गणपति (Tarun Ganpati)
- ये भगवान का युवा स्वरूप हैं, जिनकी आठ भुजाएं हैं। इनका चमकीला लाल रंग युवावस्था की ऊर्जा और उत्साह का प्रतीक है। ये अपने हाथों में पाश, अंकुश, मोदक, बेल, गुलाब, अपना टूटा हुआ दांत, धान की टहनी और गन्ने का डंठल धारण किए हुए हैं।
भक्ति गणपति (Bhakti Ganpati)
- भक्ति गणपति पूर्णिमा के चंद्रमा की तरह चमकते हैं और फूलों की मालाओं से सजे होते हैं। ये भक्तों के प्रिय हैं और बहुत मनमोहक दिखते हैं। इनके हाथों में केला, आम, नारियल और मीठी खीर का कटोरा होता है। ये भक्तों को भक्ति और शांति का आशीर्वाद देते हैं।
वीर गणपति (Veer Ganpati)
- वीर गणपति एक योद्धा के रूप में हैं, जिनकी सोलह भुजाएं हैं। ये मन की शक्तियों के प्रतीक शस्त्रों से सुसज्जित हैं। ये अंकुश, चक्र, धनुष, बाण, तलवार, ढाल, भाला, गदा, युद्ध-कुल्हाड़ी और त्रिशूल धारण किए हुए हैं। इनकी पूजा करने से व्यक्ति में साहस और बल का संचार होता है।
शक्ति गणपति (Shakti Ganpati)
- ये लाल-नारंगी रंग के हैं और अपनी शक्ति को घुटने पर धारण किए हुए हैं। ये गृहस्थ जीवन की रक्षा करते हैं। वे माला, पाश और अंकुश धारण करते हैं और अभय मुद्रा में भक्तों को आशीर्वाद देते हैं।
द्विज गणपति (Dwij Ganpati)
- चार मुख वाले द्विज गणपति चंद्रमा के समान सफेद रंग के हैं। ये पाश, अंकुश, ओलावृष्टि से बना शास्त्र, दंड, जलपात्र और जपमाला धारण किए हुए हैं। ये भक्तों को अनुशासित रहने की शक्ति प्रदान करते हैं।
सिद्धि गणपति (Siddhi Ganpati)
- सुनहरे पीले रंग के सिद्धि गणपति सिद्धि और आत्म-नियंत्रण के प्रतीक हैं। ये आराम से विराजमान हैं और इनके हाथों में फूलों का गुलदस्ता, कुल्हाड़ी, आम, गन्ना और एक स्वादिष्ट तिल की मिठाई है। इनकी पूजा से कार्य सिद्ध होते हैं।
उच्छिष्ट गणपति (Uchchhishta Ganpati)
- नीले रंग और छह भुजाओं वाले उच्छिष्ट गणपति ज्ञान और संस्कृति के संरक्षक माने जाते हैं। ये अपनी शक्ति के साथ विराजमान हैं और इनके हाथों में वीणा, अनार, नीला कमल, जप माला और ताजे धान की टहनी है।
विघ्न गणपति (Vighna Ganpati)
- बाधाओं के भगवान कहलाने वाले विघ्न गणपति चमकीले स्वर्ण रंग के हैं और रत्नों से सुसज्जित हैं। इनकी आठ भुजाओं में पाश, अंकुश, दांत, मोदक, शंख, चक्र, पुष्पगुच्छ, गन्ना, पुष्पबाण और एक कुल्हाड़ी है। ये सभी बाधाओं को दूर करते हैं।
क्षिप्रा गणपति (Kshipra Ganpati)
- सुंदर, लाल रंग के क्षिप्र गणपति शीघ्र फल देने वाले हैं। ये अपना टूटा हुआ दांत, पाश, अंकुश और कल्पवृक्ष (इच्छापूर्ति करने वाले वृक्ष) की टहनी धारण करते हैं। अपनी सूंड में वे रत्नों से भरा एक कलश लिए हुए हैं।
हेरम्ब गणपति (Heramba Ganpati)
- पंचमुखी और सफेद रंग के हेरम्ब गणपति कमजोरों के रक्षक हैं, जो एक विशाल सिंह पर सवार हैं। वे पाश, जप की माला, कुल्हाड़ी, हथौड़ा, दांत, फल और मोदक धारण करके सुरक्षा और आशीर्वाद का भाव प्रकट करते हैं।
लक्ष्मी गणपति (Lakshmi Ganpati)
- सफेद रंग के लक्ष्मी गणपति बुद्धि और सिद्धि से युक्त हैं। ये वरद मुद्रा में हैं और इनके हाथों में तोता, अनार, तलवार, अंकुश, पाश, कल्पवृक्ष की टहनी और जलपात्र है। ये धन और समृद्धि प्रदान करते हैं।
महा गणपति (Maha Ganpati)
- लाल रंग और तीन नेत्रों वाले महा गणपति अपनी शक्ति के साथ विराजमान हैं। ये अपना दांत, अनार, नील कमल, गन्ने का धनुष, चक्र, पाश, कमल, धान की टहनी, गदा और रत्नों से भरा कलश धारण किए हुए हैं।
विजय गणपति (Vijay Ganpati)
- लाल रंग के विजय गणपति अपनी साधन संपन्न मूषक पर सवार हैं, जो विजय और सफलता के दाता हैं। इनके प्रतीक चिन्ह हैं टूटा हुआ दांत, अंकुश, पाश और एक स्वादिष्ट सुनहरा आम।
नृत्य गणपति (Nritya Ganpati)
- चार भुजाओं वाले स्वर्णमय नृत्य गणपति कल्पवृक्ष के नीचे नृत्य करते हैं। ये उल्लास और आनंद का प्रतीक हैं। इनके हाथों में एक दांत, अंकुश, पाश और मोदक है।
उर्ध्व गणपति (Urdhva Ganpati)
- अपनी शक्ति को बाएं घुटने पर धारण किए हुए स्वर्णिम आभा वाले उर्ध्व गणपति उन्नत भगवान हैं। वे अपने छह हाथों में धान की टहनी, कमल, गन्ने का धनुष, बाण, हाथीदांत का दांत और एक नीला कुमुदिनी धारण करते हैं।
एकाक्षर गणपति (Ekakshara Ganpati)
- त्रिनेत्रधारी एकाक्षर गणपति लाल वर्ण और वस्त्रधारी हैं। ये मूषक पर कमल मुद्रा में विराजमान हैं और वर प्रदान करते हैं। इनके पास अनार, पाश और अंकुश है।
वरद गणपति (Varada Ganpati)
- वरदान देने वाले वरद गणपति की तीसरी आंख ज्ञान का प्रतीक है। वे शहद की थाली, पाश और अंकुश धारण करते हैं और उनकी सूंड में रत्नों का बर्तन है।
त्रिअक्षर गणपति (Tryakshara Ganpati)
- तीन अक्षरों (अ-उ-म) के स्वामी, सुनहरे रंग के त्रिअक्षर गणपति हैं। ये टूटे हुए दांत, अंकुश, पाश और आम धारण करते हैं, और अक्सर अपनी सूंड में एक मीठा मोदक पकड़े हुए दिखाई देते हैं।
क्षिप्र प्रसाद गणपति (Kshipra Prasad Ganpati)
- क्षिप्र प्रसाद गणपति शीघ्र फल देने वाले हैं, जो कुशा-घास के सिंहासन पर विराजमान हैं। इनका विशाल उदर ब्रह्मांड का प्रतीक है। ये पाश, अंकुश, दन्त, कमल, अनार और मनोकामना-पूर्ति करने वाले वृक्ष की टहनी धारण करते हैं।
हरिद्रा गणपति (Haridra Ganpati)
- चमकीले पीले वस्त्रों से सुसज्जित हरिद्रा गणपति एक भव्य सिंहासन पर शांतिपूर्वक विराजमान हैं। इनके पास दांत, मोदक, पाश और अंकुश है।
एकदंत गणपति (Ekadanta Ganpati)
- नीले रंग और विशाल उदर वाले एकदंत गणपति अज्ञान के बंधनों को काटने के लिए एक कुल्हाड़ी, जप की माला, लड्डू और टूटा हुआ दाहिना दांत धारण करते हैं।
सृष्टि गणपति (Srishti Ganpati)
- सृष्टि गणपति अपने मूषक पर सवार, सुखमय प्रकटीकरण के स्वामी हैं। लाल रंग के ये सक्रिय देवता, अपने पाश, अंकुश, आम और दांत को निःस्वार्थ बलिदान के प्रतीक के रूप में धारण करते हैं।
उद्दण्ड गणपति (Uddanda Ganpati)
- उद्दंड गणपति अस्तित्व के नियमों के निर्भीक प्रवर्तक हैं। इनके दस हाथों में रत्नों से भरा कलश, नीला कुमुदिनी, गन्ना, गदा, कमल, धान की टहनी, अनार, पाश, माला और टूटा हुआ दांत है।
ऋणमोचन गणपति (Rinamochana Ganpati)
- ऋणमोचन गणपति मानवता को अपराधबोध और बंधन से मुक्ति दिलाते हैं। इनकी मूर्ति संगमरमर की है और वे लाल रेशमी वस्त्र पहने हुए हैं। वे पाश और अंकुश धारण करते हैं।
ढुंढी गणपति (Dhundhi Ganpati)
- लाल रंग के ढुंढी गणपति रुद्राक्ष की माला, टूटा हुआ दांत, कुल्हाड़ी और रत्नों से भरा एक छोटा बर्तन धारण किए हुए हैं, जो जागृति के खजाने का प्रतीक है।
द्विमुख गणपति (Dwimukha Ganpati)
- दो मुख वाले द्विमुख गणपति सभी दिशाओं में देखते हैं। इनका नीला-हरा रूप लाल रेशमी वस्त्र पहने हुए है। वे पाश, अंकुश, अपना दांत और रत्नों से भरा कलश धारण किए हुए हैं।
त्रिमुख गणपति (Trimukha Ganpati)
- त्रिमुखी, लाल रंग के त्रिमुख गणपति स्वर्ण कमल पर विराजमान हैं और अपनी माला जप रहे हैं। इनके हाथों में पाश, अंकुश और अमृत कलश है।
सिंह गणपति (Simha Ganpati)
- सफेद रंग के सिंह गणपति सिंह पर सवार हैं और उनके एक हाथ में दूसरा सिंह है, जो शक्ति और निर्भयता का प्रतीक है।
योग गणपति (Yoga Ganpati)
- योग गणपति मंत्र जप में लीन हैं। इनके हाथों में योग दंड, गन्ने का डंठल, पाश और मालाएं हैं। इनका रंग प्रातःकालीन सूर्य के समान है।
दुर्गा गणपति (Durga Ganpati)
- दुर्गा गणपति अंधकार पर विजय का प्रतीक हैं। यह भव्य मूर्ति गहरे सुनहरे रंग की है, लाल वस्त्र पहने हुए, धनुष-बाण, पाश और अंकुश, माला, टूटा हुआ दांत और एक गुलाब का फल धारण किए हुए।
संकटहर गणपति (Sankatahara Ganpati)
- संकटहर गणपति, 'दुःख हरने वाले', सूर्य के समान आभा वाले हैं। ये नीले वस्त्र पहने और लाल कमल पर विराजमान हैं। वे खीर से भरा कटोरा, अंकुश और पाश धारण किए हुए हैं और वरदान देने वाली मुद्रा में हैं।
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पूरी तरह से सही या सटीक होने का हम कोई दावा नहीं करते हैं। ज्यादा और सही डिटेल्स के लिए, हमेशा उस फील्ड के एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
thesootr links
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬
👩👦👨👩👧👧