गणेश चतुर्थी: गणेश जी को विराजने का शुभ मुहूर्त और उससे जुड़ी खास बातें जानिए

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गणेश चतुर्थी: गणेश जी को विराजने का शुभ मुहूर्त और उससे जुड़ी खास बातें जानिए

गणेश चतुर्थी का दिन हिंदु धर्म के लिए बहुत खास माना जाता है। सभी देवों में प्रथम आराध्य देव श्रीगणेश की पूजा करने और उन्हें प्रसन्न करने का त्योहार है। आज ही के दिन विघ्न विनाशक गणेश घरों में विराजते हैं। उनकी पुजा से रिद्धि-सिद्धि और शुभ-लाभ का वास होता है। आइए जानते हैं गणेश जी को घर में लाने के शुभ मुहर्त के बारे में...

गणपति स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त

गणपति की स्थापना शुभ मुहूर्त में करने से कई लाभ मिलते हैं। पंचांग के अनुसार गणपति बप्पा की स्थापना आज यानि 10 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 17 मिनट से लेकर रात 10 बजे तक की जा सकती है। धार्मिक मान्यता है कि शुभ मुहूर्त पर गणपति (Ganpati) को बिठाने से घर में खुशहाली आती है। साथ ही मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।

ऐसे करे गणेश जी की पुजा

गणेश पूजा के लिए सूर्योदय के पहले स्नान आदि से निवृत होकर साफ़ कपड़े पहन लेने चाहिए। उसके बाद गणेश जी के समक्ष बैठकर पूजा प्रारंभ करनी चाहिए। उनका गंगा जल से अभिषेक कर उन्हें अक्षत, फूल, दूर्वा आदि अर्पित करने चाहिए। उनके प्रिय भोग मोदक का चढ़ावा लगाना चाहिए। उसके बाद धूप, दीप और अगरवत्ती जलाकर उनकी आरती कर गणेश जी के मन्त्रों का जाप करना चाहिए। उसके बाद पुनः आरती कर पूजा समाप्त करनी चाहिए।

भगवान गणेश को लगाएं ये भोग

गणेश जी की पूजन करते समय दूब, घास, गन्ना और बूंदी के लड्डू अर्पित करने चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा बनी रहती है। माना जाता है कि गणपति जी को तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाने चाहिए। मान्यता है कि तुलसी ने भगवान गणेश को लम्बोदर और गजमुख कहकर शादी का प्रस्ताव दिया था, इससे नाराज होकर गणपति ने उन्हें श्राप दे दिया था।

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