गीता जयंती 2024 : इस दिन भगवान के श्रीमुख से हुआ था भगवद्गीता का जन्म

श्रीमद्भगवद्गीता जयंती हिंदू धर्म के श्रद्धालुओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। भारतीय संस्कृति और शास्त्रों में सबसे पवित्रम ग्रंथ श्रीमद्भगवद्गीता को ही माना जाता है और यह एकमात्र ऐसा ग्रंथ जिसकी जयंती भी मनाई जाती है। 

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Shyam Kishor Suryawanshi
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Geeta Jayanti: 2024 On this day, Bhagavad Gita was born from the mouth of Shri God.
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श्रीमद्भगवद्गीता जयंती हिंदू धर्म के श्रद्धालुओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण त्यौहार माना जाता है। भारतीय संस्कृति और शास्त्रों में सबसे पवित्रम ग्रंथ श्रीमद्भगवद्गीता को ही माना जाता है और यह एकमात्र ऐसा ग्रंथ जिसकी जयंती भी मनाई जाती है। 

शुक्ल पक्ष की एकादशी को है गीता जयंती

श्रीमद्भगवद्गीता जयंती मार्ग सिर्फ माह के 11 दिन यानी की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। कहा जाता है कि इसी दिन कुरुक्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण के मुख सेश्रीमद्भगवद्गीताका जन्म हुआ था।  भगवद्गीता का महत्व प्रत्येक मनुष्य के जीवन में बहुत ही बड़ा होता है, इससे हर व्यक्ति को जीवन में एक नया संदेश एक नई मिलती है। महाभारत ग्रंथ के अनुसार जब कौरव पांडवों के बीच महाभारत युद्ध का आरंभ होना तय हुआ था, तब युद्ध होने से पूर्व भगवान श्री कृष्ण ने युद्ध के भयंकर परिणाम से भयभीत कुंती पुत्र अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था इसलिए इस पवित्र दिन को गीता जयंती के रूप में मनाया जाता है।

5157 वीं श्रीमद्भगवद्गीता जयंती

श्रीमद्भगवद्गीता में बताया गया है कि मनुष्य के जीवन में जब दुख लालच या अज्ञानताप्रवेश कर जाती है तब उन विपरीत परिस्थितियों में मनुष्य को धैर्य बनाए रखना चाहिए। भारतीय संस्कृति में इस पवित्र ग्रंथ श्रीमद्भगवद्गीता को केवल एक पुस्तक ना मानकर अपने आप में श्री भगवान का स्वरूप माना जाता है। इस धार्मिकग्रंथ में कुल 700 श्लोक है जो श्री भगवान के मुख से निकली है इसलिए इस दिन श्रीमद्भगवद्गीता की जन्म जयंती मनाई जाती है कहां जाता है इसी दिन श्रीमद्भगवद्गीता का जन्म श्री भगवान के मुख से हुआ था। श्री भगवान कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में कुंती पुत्र अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता का ज्ञान दिया था तभी से इस गीता जयंती के पर्व को हिंदू धर्म मोक्षदा एकादशी के रूप में भी मानते हैं। श्रीमद्भगवद्गीता एक ऐसा पवित्र ग्रंथ है जिसमें कुल 18 अध्याय है, जिनमें से 6 अध्यायों में कर्म योग का संदेश, 6 अध्यायों में ज्ञान योग का संदेश तथा अंतिम के 6 अध्यायों में भक्ति योग का संदेश दिया गया है। धर्मशास्त्र मान्यताओं के अनुसार इस वर्ष 2024 में श्रीमद्भगवद्गीता जयंती पर्व की 5157 वीं जयंती मनाई जा रही है।

गीता जयंती शुभ तिथि पूजा का मुहूर्त

इस साल 2024 में श्रीमद्भगवद्गीता जयंती 11 दिसंबर, बुधवार को मनाई जाएगी। एकादशी तिथि 11 दिसंबर को सुबह 3 बजकर 42 मिनट पर प्रारंभ हो जाएगी और इस एकादशी तिथि का समापन अगले दिन यानी 12 दिसंबर को सुबह 1 बजकर 9 मिनट पर होगा।

 

 

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