हिंदू कैलेंडर का तीसरा माह ज्येष्ठ शुक्रवार 24 मई से शुरू हो गया है। ज्येष्ठ माह में जल का दान महत्वपूर्ण होता है। इसमें भगवान विष्णु के वामन स्वरूप की पूजा करने का विधान है। इस माह में प्यासे लोगों को पानी पिलाना पुण्य का काम होता है। ज्येष्ठ के महीने में गर्म वस्तुओं, मसाला, तेल आदि का सेवन नहीं करते हैं। इस माह में सूर्य का प्रभाव अधिक होता है। ज्येष्ठ महीने में हनुमान जी और शनि देव की विशेष पूजा की जाती है। मान्यता के अनुसार ज्येष्ठ माह में कुछ काम वर्जित होते हैं, जिन्हें नहीं करना चाहिए। आइए आपको बताते हैं कि वो कौन से कार्य है, जिन्हें करने से ज्येष्ठ माह में बचना चाहिए। इसके साथ ही उन कार्यों के बारे में भी आपको बताते हैं, जिनके करने से आपको लाभ प्राप्त हो सकता है।
ज्येष्ठ मास में क्या करें
ज्येष्ठ मास ( jyeshth maah) धार्मिक दृष्टि से बहुत खास माना जाता है। इस महीने में हनुमानजी की पूजा के साथ ही विष्णु पूजन का खास महत्व होता है। इस महीने में पड़ने वाले व्रत त्योहारों का महत्व भी बहुत खास होता है। ज्येष्ठ मास में किया जाने वाला दान भी आपको परम पुण्य की प्राप्ति करवाता है। ज्येष्ठ मास में निर्जला एकादशी और गंगा दशहरा का व्रत सबसे खास माना जाता है।
- ज्येष्ठ के महीने में ठंडे रसीले फलों को दान करने का विशेष महत्व बताया गया है। जरूरतमंद लोगों के बीच में खरबूज, तरबूज और आम के फल बांटें।
ज्येष्ठ मास में क्या न करें
- ज्येष्ठ के महीने में बैंगन का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों कारण हैं। धार्मिक कारणों से इसे अशुद्ध माना जाता है और वैज्ञानिक पहलू यह है कि इस महीने में बैंगन में कीड़े पड़ जाते हैं।
-ज्येष्ठ के महीने में घर के ज्येष्ठ पुत्र और पुत्री का विवाह नहीं करना चाहिए। इसको करने से वैवाहिक जीवन सुखद नहीं होता।
- ज्येष्ठ मास में मांस-मदिरा का सेवन भूलकर भी न करें।
- ज्येष्ठ मास में शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए। ज्येष्ठ माह प्रारंभ
ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले प्रमुख व्रत त्योहार
26 मई 2024, संकष्टी चतुर्थी।
28 मई 2024, पहला बड़ा मंगल।
2 जून 2024, अपरा एकादशी।
4 जून 2024, मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, दूसरा बड़ा मंगल।
11 जून 2024, तीसरा बड़ा मंगल।
16 जून 2024, गंगा दशहरा।
18 जून 2024, निर्जला एकादशी, चौथा बड़ा मंगल।
22 जून 2024, ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत।