Kartik Maas 2024 : सनातन धर्म के लोगों के लिए कार्तिक मास का विशेष महत्व है। जिसे बहुत ही पवित्र माना जाता है। विष्णु पुराण के अनुसार कार्तिक मास में भगवान विष्णु योग निद्रा से उठते हैं। इसी वजह से इस महीने को भगवान विष्णु का सबसे प्रिय महीना कहा जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार कार्तिक मास 18 अक्टूबर 2024 से 15 नवंबर 2024 तक रहेगा। कार्तिक मास में राधा रानी और बांके बिहारी की पूजा करना भी शुभ माना जाता है। इस दौरान किए गए ज्यादातर काम शुभ फल देते हैं। इसी वजह से कार्तिक मास में देवी-देवताओं की पूजा के साथ-साथ दान-पुण्य और अन्य काम किए जाते हैं।
आज हम आपको शास्त्रों में वर्णित तीन ऐसे अचूक उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें यदि आप कार्तिक माह में नियमित रूप से करते हैं तो आपको राधा रानी और बांके बिहारी की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है। साथ ही देवी-देवताओं के आशीर्वाद से आप अपने सभी कष्टों से भी मुक्ति पा सकते हैं।
कार्तिक मास में करें उपाय
सुबह 4 बजे मंगला आरती
कार्तिक मास में प्रतिदिन सुबह 4 बजे मंगला आरती करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार मंगला आरती से भगवान जागते हैं। अगर किसी कारणवश आप मंदिर जाकर मंगला आरती नहीं कर पाते हैं तो घर पर ही धूप या दीप जलाकर मंगला आरती कर सकते हैं। मंगला आरती करने के बाद सुबह करीब 07:30 बजे राधा रानी का नाम जपें। घर या मंदिर में भजन-कीर्तन करें।
Radha Rani के नाम का जाप
भजन-कीर्तन करने और राधा रानी का नाम जपने के बाद घर में दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय राधा रानी और बांके बिहारी का नाम जपें। इसके साथ ही दीपदान करना भी शुभ रहेगा। इस उपाय से आपके घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा खत्म होगी और परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम बढ़ेगा।
तुलसी माला से करें जाप
कार्तिक मास में तुलसी माता की पूजा करना भी शुभ होता है। अगर किसी कारणवश आप तुलसी के पेड़ की पूजा नहीं कर पाते हैं तो ऐसी स्थिति में आप तुलसी माला की भी पूजा कर सकते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान कृष्ण और राधा रानी की पूजा के लिए तुलसी माला को शुभ माना जाता है। तुलसी माला का जाप करने से भक्त को कई यज्ञ करने के समान पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान विष्णु की विशेष कृपा भी प्राप्त होती है।
ऐसे कराएं राधा रानी को स्नान
अब राधा रानी की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद जल से स्नान कराएं और मूर्ति को एक आसन पर स्थापित करें। अब धूप-दीप जलाएं और राधा रानी को फूल, फल, चंदन और वस्त्र अर्पित करें। राधा रानी का श्रृंगार करें।
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