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कार्तिक मास हिंदू धर्म में सबसे पवित्र महीनों में से एक माना जाता है इस महीने की शुरुआत 8 अक्टूबर 2025 से हो रही है। ऐसे में आइए जानें इस महीने की खासियत क्या है।
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सबसे पवित्र महीना
कार्तिक मास को पुराणों में सबसे पवित्र और श्रेष्ठ महीना माना गया है। यह मुख्य रूप से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित है।
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भगवान विष्णु का दामोदर रूप
कार्तिक मास को दामोदर मास भी कहा जाता है, क्योंकि यह महीना भगवान विष्णु के इसी रूप को समर्पित है। 'दामोदर' नाम तब पड़ा जब माता यशोदा ने बाल कृष्ण (विष्णु का रूप) को उनके प्रेमवश रस्सी से बांध दिया था।
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कार्तिक स्नान
इस महीने में सूर्य उदय से पहले पवित्र नदियों या घर पर जल में स्नान किया जाता है। माना जाता है कि कार्तिक स्नान से सभी पाप धुल जाते हैं।
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दीपदान का महत्व
पूरे मास में मंदिरों, नदियों, और तुलसी के पास दीपक जलाना करना बहुत शुभ माना जाता है।
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तुलसी पूजन
तुलसी के पौधे की विशेष पूजा की जाती है, जो देवी लक्ष्मी का स्वरूप मानी जाती हैं। कार्तिक पूर्णिमा के आस-पास तुलसी विवाह शालिग्राम के साथ का उत्सव मनाया जाता है।
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त्योहारों की शुरुआत
इस मास में दीपावली (लक्ष्मी पूजा), गोवर्धन पूजा, भाई दूज, और छठ पूजा जैसे बड़े त्यौहार आते हैं। इससे यह महीना उल्लास और भक्ति से भरा रहता है।
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चातुर्मास की समाप्ति
यह चातुर्मास का अंतिम महीना होता है, और इसकी समाप्ति पर देवोत्थानी एकादशी के दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागते हैं। इसके बाद से सभी मांगलिक कार्य विवाह आदि फिर शुरू हो जाते हैं।
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आध्यात्मिक साधना
यह महीना भक्ति, त्याग, और तपस्या के लिए विशेष है, जिससे आध्यात्मिक प्रगति होती है। पूरे महीने सात्विक भोजन और ब्रह्मचर्य का पालन करने का विधान है।