प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली का त्योहार बड़े श्रद्धाभाव से मनाया जाता है, जिसे सनातन धर्म में विशेष महत्व प्राप्त है। इस दिन कुछ लोग सत्यनारायण व्रत भी रखते हैं। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा यानी देव दिवाली के दिन गंगा में स्नान करने से सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। इस पावन दिन पर दीपदान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। अब हम आपको बताते हैं कि देव दिवाली या कार्तिक पूर्णिमा के दिन कितने दीपक जलाना चाहिए।
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देव दिवाली पर कितने दीपक जलाएं?
इस दिन 11, 21, 51 या 108 दीपक जलाना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। यदि आप चाहें, तो आप इससे अधिक दीपक भी जला सकते हैं। मान्यता है कि दीपदान करने से सभी प्रकार के दोष समाप्त हो जाते हैं और पुण्य की भी प्राप्ति होती है।
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दीप जलाने का सही समय
कार्तिक पूर्णिमा और देव दिवाली के दिन दीप जलाने के लिए प्रदोष काल सबसे शुभ माना जाता है। इस दिन दीपक जलाने का समय शाम 05:10 से लेकर 07:47 बजे तक है।
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दीपक कहां जलाएं
इस दिन दीपक घर के मुख्य द्वार, तुलसी के पौधे के पास, भगवान विष्णु के मंदिर में और नदी के किनारे जलाना अत्यंत फलदायी माना जाता है। घर के हर कोने को दीपों की रौशनी से भर देना चाहिए, ठीक वैसे ही जैसे दीपावली पर किया जाता है।
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लक्ष्मी-नारायण की करें पूजा
देव दिवाली के दिन घर के मंदिर में लक्ष्मी-नारायण की मूर्ति की फूल, चंदन, धूप, दीप और नैवेद्य से पूजा करें। इस दौरान ओम लक्ष्मी नारायणाय नम: मंत्र का जाप जरूर करें। मान्यता है कि इससे भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी बहुत खुश होते हैं और उनके आशीर्वाद से घर में स्थायी समृद्धि का वास होता है।
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