नवरात्रि में 9 दिन रखें इन 3 बातों का विशेष ध्यान... माता रानी होंगी प्रसन्न, जीवन में बरसेगी विशेष कृपा 

author-image
The Sootr
एडिट
New Update
नवरात्रि में 9 दिन रखें इन 3 बातों का विशेष ध्यान... माता रानी होंगी प्रसन्न, जीवन में बरसेगी विशेष कृपा 

Bhopal. शक्ति की आराधना का नौ दिवसीय महापर्व चैत्र नवरात्रि बुधवार, 22 मार्च से शुरू हो गया है। शक्ति की भक्ति के इन खास दिनों में श्रद्धालु घटस्थापना और कलशपूजन करने के साथ मां दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए पूरे विधि-विधान से रोजाना उनकी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। धर्मशास्त्र के जानकारों के अनुसार शक्ति की विशेष भक्ति के इन नौ दिनों में यदि देवी के नौ रूपों की आराधना में उपासक कुछ बातों का ध्यान रखें तो मां भगवती खास प्रसन्न होती हैं। इससे उनकी विशेष कृपा हासिल होती है और भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। आइए आपको बताते हैं कि शक्तिस्वरूपा मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना में किन तीन बातों का ध्यान रखने से उनकी कृपा हासिल होती है। 



ऐसे करें नौ रूपों की आराधना 



पंडित भूपेंद्र शास्त्री के मुताबिक मां भगवती के नौ रूपों की आराधना में उन्हें चढ़ाए जाने वाले फूलों, प्रसाद और कुछ खास मंत्र का विशेष महत्व होता है। यदि भक्त देवी के हर रूप के पूजा अर्चना में उनकी पसंद के फूल-प्रसाद के साथ खास मंत्रों का जाप करें तो मां बहुत प्रसन्न होती हैं। ऐसा करने से उनके भक्तों का जीवन कष्टों और विकारों से मुक्त होकर सुखदायी और सफल होता है।  



ये भी पढ़ें...






मां शैलपुत्री को लाल फूल करें अर्पित, गाय के घी का भोग



नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री को पूजा में गुड़हल का लाल फूल अर्पित करने से वे बहुत प्रसन्न होती हैं। उन्हें गाय के घी का भोग लगाने से भक्त को बीमारियों से निजात मिलती है। जिस श्रद्धालु का चंद्र ग्रह अनुकूल न हो, उन्हें पीले रंग के कपड़े पहनकर मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना के बाद 108 बार इस मंत्र (ॐ शं शैलपुत्री देव्यै:नमः) का जाप करना चाहिए। 



मां ब्रह्मचारिणी को सफेद गुलदाउदी या कमल का फूल चढ़ाए



नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। इनके चरणों में सफेद गुलदाउदी या कमल का फूल अर्पित करना चाहिए। इनकी पूजा में शक्कर या सफेद मिठाई का भोग लगाने से भक्तों की आयु लंबी होती है, जिन श्रद्धालुओं का मंगल ग्रह अनुकूल नहीं है, उन्हें हरे रंग के कपड़े पहनकर मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करते हुए इस मंत्र (श्री अंबिकायै नमः) का 108 बार जाप करना चाहिए। 



मां चंद्रघंटा को कमल या कनेर का फूल करें अर्पित, खीर का लगाए भोग



पर्व के तीसरे दिन मां दुर्गा के मां चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा की जाती है। इन्हें पूजा में कमल या कनेर का फूल और प्रसाद में दूध से बनी खीर का भोग लगाना चाहिए। जिन श्रद्धालुओं का शुक्र अनुकूल नहीं है, उन्हें हल्के भूरे रंग के कपड़े पहनकर मां चंद्रघंटा की पूजा कर चाहिए। साथ ही उन्हें इस मंत्र (ऐं श्री शक्तयै नम:) का 108 बार जाप करना चाहिए।  



मां कुष्मांडा को चंपा या चमेली का फूल चढ़ाए, मालपुआ का लगाए भोग 



चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है। मां कुष्मांडा को चंपा या चमेली का फूल चढ़ाना चाहिए। इससे मां अपने भक्तों को अच्छी सेहत का आशीर्वाद देती हैं। इन्हें पूजन में मालपुआ का भोग लगाया जाता है। इससे श्रद्धालुओं की बुद्धि और विवेक का विकास होता है। जिन श्रद्धालुओं का सूर्य ग्रह अनुकूल नहीं है वे नारंगी रंग के कपड़े पहनकर इस मंत्र (ऐं ही देव्यै नम:) का 108 बार जाप करें। 



मां स्कंदमाता को पसंद है पीले रंग के फूल, केले का भोग



नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है। मां को पूजा में पीले रंग के फूल बहुत पसंद हैं। उन्हें पूजा के साथ केले का भोग लगाया जाता है। इससे सेहत अच्छी होती है। जिन श्रद्धालुओं का बुध ग्रह खराब है, उन्हें उजले रंग के कपड़े पहनकर स्कंदमाता की पूजा इस मंत्र (क्लीं स्वमिन्यै  नमः) के 108 बार जाप के साथ करनी चाहिए। 



मां कात्यायनी को चढ़ाए गेंदे और बेर के फूल



नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। माना जाता है कि मां कात्यायनी को गेंदे का फूल और बेर के पेड़ का फूल पसंद है। उनके चरणों में ये फूल अर्पित करने से मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है। उन्हें शहद का भोग लगाया जाता है। इससे जीवन में मधुरता आती है। जिस किसी श्रद्धालु का गुरु ग्रह अनुकूल नहीं है, उसे लाल रंग के कपड़े पहनकर मां कात्यायनी की पूजा इस मंत्र (श्री त्रिनेत्रायै नमः)  के 108 बार जाप के साथ करनी चाहिए। 



नीले रंग का कृष्ण कमल का फूल मां कालरात्रि को है पसंद



पर्व के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। माता कालरात्रि को नीले रंग का कृष्ण कमल का फूल बहुत अधिक पसंद है। यदि ये फूल न मिले तो ​कोई भी नीले रंग का फूल भी अर्पित करने माता प्रसन्न होगी।  पूजन में गुड़ का भोग लगाना चाहिए। इससे जीवन में मुसीबतों और शोक विकार से मुक्ति मिलती है। जिस श्रद्धालु का शनि ग्रह अनुकूल नहीं है, उन्हें नीले रंग के कपड़े पहनकर मां के कालरात्रि रूप की पूजा इस मंत्र (क्लीं ऐं श्री कालिकायै नमः) का 108 बार जाप के साथ करनी चाहिए। 



मां महागौरी को पूजा में मोगरे का फूल चढ़ाए, नारियल का लगाए भोग 



आठवें दिन महागौरी माता की पूजा का विधान है। महागौरी को पूजा में मोगरे का फूल और भोग में नारियल या इससे बना प्रसाद बेहद पसंद है। इस दिन मां के चरणों में यह फूल अर्पित करेंगे तो मां की कृपा हमेशा आपके घर-परिवार पर बनी रहेगी। कहा जाता है कि जिन भक्तों का राहु ग्रह अनुकूल नहीं है, उन्हें गुलाबी रंग के कपड़े पहनकर महागौरी की पूजा इस मंत्र (श्री  क्लीं हीं वरदायै नमः) के 108 बार जाप के साथ करनी चाहिए।   



मां सिद्धिदात्री को चंपा और गुड़हल का फूल चढ़ाए



नवरात्रि के नौवें दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इन्हें पूजा में चंपा और गुड़हल का फूल के साथ काले तिल अनार या अलग-अलग तरह के अनाज का भोग लगाना चाहिए। इससे जीवन में मृत्युभय से राहत मिलती है। जिन श्रद्धालुओं का केतु ग्रह अनुकूल नहीं है, उन्हें मां सिद्धिदात्री की पूजा बैगनी रंग के कपड़े पहनकर और इस मंत्र (हीं क्लीं ऐं सिद्ध ये नम:) के 108 बार जाप करना चाहिए।


9 days Navratri बरसेगी विशेष कृपा माता रानी होंगी प्रसन्न 3 बातों का विशेष ध्यान Chaitra Navratri 2023 नवरात्रि में 9 दिन चैत्र नवरात्र 2023 shower special blessings Mata Rani happy special attention 3 things
Advertisment