BHOPAL. न्याय व कर्म के देवता के रुप में माने जाने वाले शनि देव का ज्योतिष शास्त्र में विशेष महत्व है। जो व्यक्ति जैसा कर्म करता है शनिदेव उसे वैसा ही फल प्रदान करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी ग्रह-नक्षत्रों में शनि सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह माने जाते हैं। शनिदेव की उपस्थिति एक राशि में ढाई साल तक रहती है। इसके बाद ही वे अपना गोचर करते हैं। शनि इस वक्त अपनी राशि कुंभ राशि में विराजमान हैं। अब 17 जून 2023 को रात 10:57 मिनट पर कुंभ राशि में रहते हुए वक्री चाल चलेंगे। वक्री चाल से मतलब उल्टी चाल से चलना होता है। शनि की यह वक्री चाल 4 नवंबर 2023 तक रहेगी फिर इसके बाद कुंभ राशि में ही मार्गी हो जाएंगे।
सभी राशियां होगी प्रभावित
शनि कुल 141 दिन वक्री अवस्था में रहेंगे। शनि के वक्री होने पर इसका प्रभाव सभी राशियों पर देखने को मिलेगा। शनि देव साल 2023 में अपनी स्वयं की राशि कुंभ में विराजमान हैं। शनि के कुंभ राशि में होने से मकर, कुंभ और मीन राशि के जातकों के ऊपर इस समय शनि की साढ़ेसाती चल रही है।
जानिए शनि वक्री होने से देश-दुनिया पर पड़ेगा क्या असर
- शनि करीब ढाई साल अपने घर में रहेंगे। जिससे देश के लिए ये बदलाव फायदेमंद होगा।
वक्री शनि का प्रभाव
शनि के शुभ प्रभाव से लोगों के रुके हुए काम पूरे होंगे। प्रॉपर्टी से जुड़े मामले सामने आएंगे। कुछ नौकरीपेशा लोगों के ट्रांसफर की स्थिति बन सकती है। प्रमोशन हो सकता है। कामकाज की जिम्मेदारी भी बढ़ने के योग हैं। बिजनेस करने वालों के भी काम करने की जगह पर बदलाव होगा। रहने की जगह भी बदल सकती है। वहीं, इसके अशुभ प्रभाव से कुछ लोगों को पैर में या हड्डी की चोट लग सकती है। ऑपरेशन की स्थिति भी बनेगी। साढ़ेसाती वालों को कर्जा लेना पड़ सकता है।