रतलाम के महालक्ष्मी मंदिर का हर साल होता है नोटों से शृंगार

मध्यप्रदेश के रतलाम में एक ऐसा मंदिर है, जहां लोग अपनी धन-दौलत भगवान पर चढ़ाने के लिए लाइन में लगकर जाते हैं। यह प्रसिद्ध मंदिर है महालक्ष्मी जी का मंदिर। इस मंदिर में भक्त अपनी धन-दौलत मां के पास जमा करवा देते हैं। यह अनोखी परंपरा सालों से चली आ रही है।

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Dolly patil
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महालक्ष्मी मंदिर
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मध्यप्रदेश के रतलाम में एक ऐसा मंदिर है, जहां लोग अपनी धन-दौलत भगवान पर चढ़ाने के लिए लाइन में लगकर जाते हैं। यह प्रसिद्ध मंदिर है महालक्ष्मी जी का। रतलाम का यह महालक्ष्मी मंदिर शहर के माणक चौक पर स्थित है। इस मंदिर में सालों से एक अनोखी परंपरा चल रही है। मंदिर में माता महालक्ष्मी के भक्त आते हैं और अपने जेवरात, धन-दौलत मां के पास जमा करवा देते हैं।

नोटों-जेवरातों से सजता है मंदिर 

महालक्ष्मी मंदिर में हर साल पांच दिन के दीपोत्सव पर हीरे-मोती, जेवर, नोट आदि लेकर श्रद्धालु देश भर से मंदिर में दर्शन करने आते हैं। यहां मान्यता है कि ऐसा करने से लक्ष्मी मां कृपा बरसाती हैं और धन-संपत्ति में भी वृद्धि होती है। बता दें कि शृंगार के लिए चढ़ाई गई सामग्री श्रद्धालुओं को वापस कर दी जाती है।

हर साल दीपोत्सव के दौरान महालक्ष्मी मंदिर का नोटों और जेवरों से शृंगार किया जाता है। शृंगार की सामग्री देने वाले भक्तों को टोकन दिया जाता है। इस टोकन के आधार पर ही चढ़ाई गई सामग्री को वापस किया जाता है।

साल में 5 दिन खुलता है मंदिर

महालक्ष्मी मंदिर का शृंगार होने के बाद से धनतेरस की सुबह मंदिर के पट खोले जाते हैं। आपको बता दें कि महालक्ष्मी का यह मंदिर सालभर में सिर्फ 5 दिन खुलता है। इन पांच दिनों में सजावट के लिए देशभर से भक्त करोड़ों का चढ़ावा लेकर आते हैं और महालक्ष्मी से सम्पन्नता का आशीर्वाद मांगते हैं। 

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