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धन, वैभव, संतान, ऐश्वर्य देने वाली मां लक्ष्मी की विशेष पूजा दिवाली में की जाती है, लेकिन इसके अलावा साल में एक बार और मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का विशेष व्रत आता है। 16 दिनों का महालक्ष्मी व्रत, जिसे महालक्ष्मी का सोरहिया व्रत भी कहा जाता है। 16 दिनों का महालक्ष्मी व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शुरू होगा। इस दिन राधाष्टमी और दुर्वा अष्टमी भी होती है। महालक्ष्मी व्रत राधाष्टमी से शुरू होकर अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि तक चलता है। इस साल यानी 2021 में महालक्ष्मी व्रत आज 13 सितंबर दिन सोमवार से शुरू हो रहा है, जो 28 सितंबर, मंगलवार को खत्म होगा।
व्रत का मुहूर्त
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि यानी 13 सितंबर को दोपहर 03:10 बजे शुरु होगी, जो 14 सितंबर दिन मंगलवार को दोपहर 01:09 बजे तक है। माता लक्ष्मी की पूजा रात के समय उत्तम मानी जाती है। इसलिए आज दोपहर से अष्टमी शुरू हो जाएगी। ऐसे में महालक्ष्मी व्रत आज रखा जाएगा।
इन मंत्रों का करें उच्चारण
हर दिन अपको महालक्ष्मी की पूजा के समय मां लक्ष्मी के इन आठ मंत्रों का जाप करना है।
ऊं आद्यलक्ष्म्यै नम:
ऊं विद्यालक्ष्म्यै नम:
ऊं सौभाग्यलक्ष्म्यै नम:
ऊं अमृतलक्ष्म्यै नम:
ऊं कामलक्ष्म्यै नम:
ऊं सत्यलक्ष्म्यै नम:
ऊं भोगलक्ष्म्यै नम:
ऊं योगलक्ष्म्यै नम:
महालक्ष्मी व्रत की कृपा
इस व्रत को करने से माता लक्ष्मी खुश होती हैं। उनकी कृपा से परिवार में धन, ऐश्वर्य, समृद्धि और संपदा मिलती है। संतान की कामना करने वाले मां लक्ष्मी के आशीष से अपनी इच्छा को पूरा करते हैं। महालक्ष्मी की कृपा से कर्ज खत्म होता है और दरिद्रता खत्म होती है साथ ही साथ दुख दूर होते हैं।