क्या सच में महामृत्युंजय मंत्र अकाल मृत्यु को टाल सकता है, शिवपुराण से जानें सच्चाई

महामृत्युंजय मंत्र सिर्फ एक आध्यात्मिक मंत्र नहीं, बल्कि विज्ञान-सम्मत ध्वनि तरंगों का अद्भुत संयोजन है। ऐसे में क्या यह मंत्र वास्तव में मृत्यु को टाल सकता है या यह केवल ऊर्जा और कंपन का खेल है , चलिए जानें...

Advertisment
author-image
Kaushiki
एडिट
New Update
mahamrityunjaya
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

Mahamrityunjaya Mantra: महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव का एक अत्यंत प्रभावशाली और पवित्र मंत्र माना जाता है। इसे त्रयंबक मंत्र भी कहा जाता है, जो न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी इसके गहरे प्रभाव देखे गए हैं। ऐसा माना जाता है कि,यह मंत्र जीवन ऊर्जा को संतुलित करने, मानसिक शांति प्रदान करने और स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक माना जाता है। इसकी ध्वनि तरंगें शरीर और मन पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं, जिससे तनाव कम होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।

मृत्यु पर विजय

शास्त्रों के मुताबिक, यह मंत्र मृत्यु पर विजय प्राप्त करने का माध्यम है और इसे अकाल मृत्यु, रोगों और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है। शास्त्रों में भगवान शिव को काल यानी मृत्यु का स्वामी माना गया है। इसलिए यह मंत्र किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा, बीमारी, बाधा और अकाल मृत्यु से बचाने के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है।

shib

शरीर और मन पर मंत्र का प्रभाव

इस मंत्र का जाप करने से शरीर में कंपन उत्पन्न होते हैं, जो नाड़ियों को शुद्ध करने और उन्हें जाग्रत करने में मदद करते हैं। इसके उच्चारण से उत्पन्न ध्वनि तरंगें शरीर के अलग-अलग चक्रों को सक्रिय करती हैं और ऊर्जा प्रवाह को संतुलित करती हैं। शास्त्रों के मुताबिक, जब कोई व्यक्ति नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करता है, तो उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है और मानसिक शांति मिलती है। यह मंत्र तनाव, चिंता और मानसिक विकारों को दूर करने में भी सहायक होता है।

sasters

शास्त्रों में इस मंत्र का महत्व

महामृत्युंजय मंत्र का उल्लेख शिवपुराण, ऋग्वेद और अन्य कई ग्रंथों में मिलता है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में मृत्यु योग होता है या वह किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा होता है, तब इस मंत्र का जाप अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। शिवपुराण के मुताबिक, यदि किसी रोगी के लिए यह मंत्र संकल्प के साथ जपा जाए, तो वह शीघ्र स्वस्थ हो सकता है। यह मंत्र अकाल मृत्यु के योग को भी टाल सकता है। यही कारण है कि जब कोई गंभीर संकट में होता है, तो इस मंत्र का जाप करने की सलाह दी जाती है।

manret

महामृत्युंजय मंत्र का जाप कैसे करें

  • शिवपुराण के मुताबिक, इस मंत्र का जाप करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना आवश्यक है। 
  • इस मंत्र का जाप सुबह जल्दी उठकर स्नान करके, शुद्ध वस्त्र धारण करके किया जाना चाहिए। 
  • इसे भगवान शिव की मूर्ति या चित्र के सामने बैठकर करना उत्तम माना जाता है। 
  • जाप के दौरान रुद्राक्ष की माला का उपयोग करना अत्यधिक फलदायी होता है। 
  • इस मंत्र का जाप 108 बार करने से विशेष लाभ प्राप्त होते हैं। 
  • अगर कोई व्यक्ति स्वयं जाप न कर सके तो किसी योग्य पंडित से भी इस मंत्र का जाप करवा सकता है।

dv

इस मंत्र का अर्थ और लाभ

महामृत्युंजय मंत्र इस प्रकार है:

"ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
ऊर्वारुकमिव बन्धनात मृत्योर्मुक्षीय मामृतात ||"

इसका अर्थ है: हम भगवान शिव का ध्यान करते हैं, जो तीन नेत्रों वाले हैं, सुगंधित और जीवन शक्ति को बढ़ाने वाले हैं। जैसे एक पका हुआ फल अपने वृक्ष से सहज ही अलग हो जाता है, वैसे ही हमें भी मृत्यु और बंधनों से मुक्त कर अमरत्व की ओर ले चलें। माना जाता है कि,यह मंत्र न केवल भौतिक जीवन के संकटों को दूर करता है, बल्कि मानसिक उन्नति भी प्रदान करता है।

जाप में बरती जाने वाली सावधानियां

शिवपुराण के मुताबिक, महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते समय शरीर और मन को पूरी तरह से शुद्ध रखना चाहिए। जैसे,

  • किसी भी प्रकार की नकारात्मक भावना नहीं रखनी चाहिए। 
  • मंत्र का उच्चारण शुद्धता और सही लय में करना आवश्यक है। 
  • यदि जाप करने वाले को सही उच्चारण नहीं आता, तो किसी विद्वान पंडित से यह मंत्र जाप करवाना चाहिए। 
  • इस मंत्र का जाप निश्चित संख्या में करना चाहिए और धीरे-धीरे इसकी संख्या बढ़ाई जा सकती है। 
  • इस मंत्र का जाप पूर्व दिशा की ओर मुख करके और भगवान शिव के समक्ष ही करना उचित होता है। 
  • जाप के समय धूप-दीप जलाना चाहिए और इसे रुद्राक्ष की माला से ही करना चाहिए।

shhu

मंत्र से दूर होने वाले दोष

शिवपुराण के मुताबिक, ऐसा माना जाता है कि यह मंत्र कुंडली के विभिन्न दोषों जैसे कि मांगलिक दोष, नाड़ी दोष, कालसर्प दोष, भूत-प्रेत बाधा, रोग, बुरे सपने, संतान बाधा आदि को समाप्त करने में सहायक होता है। यह मंत्र केवल आध्यात्मिक उन्नति ही नहीं देता, बल्कि भौतिक जीवन में भी सकारात्मकता और सफलता लाने का कार्य करता है।

FAQ

Mahamrityunjaya Mantra क्यों जपा जाता है?
Mahamrityunjaya Mantra मृत्यु, रोग और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव के लिए जपा जाता है।
क्या कोई भी व्यक्ति महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर सकता है?
हां, लेकिन शुद्धता, सही उच्चारण और विधि का पालन करना आवश्यक है।
Mahamrityunjaya Mantra का जाप कितनी बार करना चाहिए?
इसे 108 बार जपना उत्तम माना जाता है।
Mahamrityunjaya Mantra से कौन-कौन से दोष दूर होते हैं?
यह मांगलिक दोष, कालसर्प दोष, भूत-प्रेत बाधा और संतान बाधा दूर करने में सहायक है।
क्या Mahamrityunjaya Mantra से अकाल मृत्यु टल सकती है?
शास्त्रों के मुताबिक, सही विधि से जप करने पर अकाल मृत्यु से बचाव संभव है।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

भगवान शिव Mahashivratri latest news mantra शिवपुराण धर्म ज्योतिष न्यूज भगवान शिव का पूजन महामृत्युंजय मंत्र