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Latest Religious News: हिंदू धर्म में विवाह केवल दो व्यक्तियों का मिलन नहीं, बल्कि दो परिवारों का पवित्र गठबंधन है। यह रिश्ता सात जन्मों का साथ निभाने का एक वादा होता है। इसलिए शादी से पहले वर और वधू की कुंडली मिलान की परंपरा सदियों से चली आ रही है।
कुंडली मिलान का उद्देश्य उनके भावी वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाना है। इस प्रक्रिया में गण मिलान एक जरूरी हिस्सा है। सही गण मिलान से उनके स्वभाव और विचारों में सामंजस्य का पता चलता है। ये रिश्ते की सफलता के लिए सही है।
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कुंडली मिलान और अष्टकूट मिलान
कुंडली मिलान की यह परंपरा बहुत पुराने पौराणिक काल से चली आ रही है। इस प्रक्रिया से वर-वधू के भावी वैवाहिक जीवन का अनुमान लगाया जाता है। इसका उद्देश्य दोनों के भविष्य को शुभ और मंगलमय बनाना होता है।
ज्योतिष में विवाह से पहले कुल 36 गुणों का मिलान किया जाना जरूरी है। इन 36 गुणों के मिलान को ही अष्टकूट मिलान कहा जाता है। सही अष्टकूट मिलान से रिश्ता सुखमय, मधुर और दीर्घायु बनता है।
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क्या है गण मिलान और इसके तीन प्रकार
अष्टकूट मिलान में गण मिलान एक सबसे जरूरी कारक होता है। ज्योतिष शास्त्र में इसके तीन मुख्य प्रकार बताए गए हैं। गण मिलान वर-वधू के जन्म नक्षत्र पर आधारित होता है।
देव गण:
ज्योतिष शास्त्र में इस गण के लोग स्वभाव से बहुत शांत और विनम्र होते हैं।
ये लोग दयालु और धार्मिक सोच रखने वाले माने जाते हैं।
मानव गण:
ज्योतिष शास्त्र में इस गण के जातक व्यवहारिक सोच वाले होते हैं।
ये सामाजिक और बहुत समझदार माने जाते हैं।
राक्षस गण:
ज्योतिष शास्त्र में इस गण वाले व्यक्ति साहसी और आत्मविश्वासी होते हैं।
इनमें मजबूत निर्णय लेने की अद्भुत क्षमता होती है।
ज्योतिष शास्त्र का मुताबिक, इन गुणों से दोनों जातकों के व्यवहार और विचारों का पता चलता है। इससे यह अनुमान लगाना आसान होता है कि उनका वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा।
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गण मिलान क्यों है इतना जरूरी
ज्योतिष शास्त्र में अष्टकूट मिलान प्रक्रिया में गण मिलान को शामिल किया गया है। इसका योगदान सिर्फ 1 गुण का ही होता है। मगर ज्योतिष की दृष्टि से यह बहुत शक्तिशाली माना गया है। गण मिलना आपसी समझ और स्वभाव के मेल के लिए जरूरी है।
अगर आपसी गण नहीं मिलते हैं तो जीवन में मतभेद हो सकता है। ऐसे जोड़ों का वैवाहिक जीवन घमंड और द्वेष से भरा हो सकता है। गण मिलान से दोनों के बीच सही तालमेल बनता है। सही गण मिलान रिश्ते को मजबूत और सफल बनाता है।
अलग-अलग गण का वैवाहिक जीवन पर असर
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक (Marriage Astrology), विभिन्न गणों (कुंडली की जांच) का मेल वैवाहिक जीवन पर अलग-अलग प्रभाव डालता है। देव गण और मानव गण का मेल सामान्य रूप से अच्छा और संतुलित माना जाता है। हालांकि, देव गण और राक्षस गण का मेल थोड़ा संघर्षपूर्ण हो सकता है।
यहां विचारों का टकराव होने की संभावना रहती है। इसी तरह, मानव गण और राक्षस गण (कुंडली में मंगल दोष) के मिलान वाले जोड़ों को भी सावधानी से अपना रिश्ता शुरू करना चाहिए। इसीलिए सुखी और शांत जीवन के लिए गण मिलान का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पूरी तरह से सही या सटीक होने का हम कोई दावा नहीं करते हैं। ज्यादा और सही डिटेल्स के लिए, हमेशा उस फील्ड के एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। धार्मिक अपडेट | dharm news today
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