moon का libra में गोचर, बनेगा gajakesari योग, इन zodiac वालों की बढ़ेंगी difficulties, जानिए कौन सी है वो zodiac
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चंद्रमा का तुला राशि में गोचर, बनेगा गजकेसरी योग, इन राशि वालों की बढ़ेंगी मुश्किलें, जानिए कौन सी है वो राशियां

Neha Thakur
25,मई 2023, (अपडेटेड 25,मई 2023 06:57 AM IST)

BHOPAL. चंद्रमा 31 मई 2023 को शाम 6:29 बजे तुला राशि में गोचर करेगा और 3 जून, 2023 को दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। ग्रहों की इस स्थिति से गजकेसरी योग बनेगा, क्योंकि गुरु ग्रह की चंद्रमा पर दृष्टि होगी। ग्रहों का यह परिवर्तन कुछ राशियों के लिए अत्यंत भाग्यशाली समय होगा, तो वहीं राहु को निराश करने के लिए छाया ग्रह मेष राशि में भी स्थित है, जो बृहस्पति के साथ युति में है। दूसरी ओर केतु तुला राशि में चंद्रमा के साथ युति करेगा। चूंकि गजकेसरी योग राहु-केतु अक्ष के भीतर बन रहा है, इसलिए यह कई राशि वालों के लिए नकारात्मक साबित होगी।

मेष राशि

पहले भाव में बृहस्पति और राहु की युति है और सातवें भाव में चंद्रमा केतु की युति करेगा। हालांकि आप इस समय के दौरान अपनी बुद्धि का सबसे ज्यादा प्रयोग करेंगे। इस दौरान उच्च ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। आपका अति आत्मविश्वास इस चरण के दौरान आपको परेशानी में डाल सकता है। अगर आप नकारात्मक पक्ष को अपने सकारात्मक गुणों पर हावी होने देते हैं तो आपके वैवाहिक जीवन को नुकसान होगा। साथी के बीच टकराव पैदा हो सकता है। आप समाज में अपनी प्रतिष्ठा खो सकते हैं इसलिए सावधानी बरतें।

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कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए चतुर्थ और दशम भाव की धुरी में योग बनेगा। चंद्रमा के साथ केतु चतुर्थ भाव में और गुरु राहु के साथ 10वें भाव में रहेगा। एक ओर जहां यह कर्क राशि के जातकों को अपार व्यावसायिक सफलता दे सकता है। यह बॉस के साथ समस्याएं पैदा कर सकता है, यहां तक ​​कि आपको अपनी नौकरी छोड़नी पड़ सकती है या अपने कार्यस्थल पर संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है। यह आपके घर के माहौल को परेशान कर सकता है और निश्चित रूप से आपकी मां के साथ आपके रिश्ते को खराब कर सकता है।

तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए गजकेसरी योग पहले और सातवें भाव की धुरी में बन रहा है। प्रथम भाव में चंद्रमा केतु की युति करता है और सातवें भाव में बृहस्पति राहु की युति करता है। इस समय आपके धन में वृद्धि की जगह आपके खर्चे बढ़ सकते हैं। यह नकारात्मक विचार भी ला सकता है। बृहस्पति और राहु आपके विवाह में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं या विवाहित जोड़ों के बीच संघर्ष को जन्म दे सकते हैं।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए 12वें भाव में चंद्रमा-केतु की युति होगी और छठे भाव में गुरु-राहु की युति होगी। ये व्यक्ति आर्थिक रूप से बहुत अच्छा कर सकते हैं। इस अवधि के दौरान भाग्य आपका साथ नहीं देगा, क्योंकि आपके नवम भाव का स्वामी 12वें भाव में केतु के साथ युति में होगा। घर में कोई आध्यात्मिक या धार्मिक समारोह बाधाओं से पूरा होगा। आपका वैवाहिक जीवन पीड़ित रहेगा।

(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें )  

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