KHANDWA. मध्यप्रदेश के खंडवा में स्थित प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर में महाश्विरात्रि पर्व पर मंदिर के पट चौबीस घंटे खुले रहेंगे। यानी श्रद्धालु इस दौरान पूरी श्रद्धा के साथ दर्शन कर सकेंगे। हालांकि दोहपर में भोग आरती के समय कुछ देर के लिए पट बंद किए जाएंगे।महाशिवरात्रि को लेकर ओंकारेश्वर में तैयारियां जोरों पर हैं। मंदिर परिसर को फूल मालाओं और लाइटिंग से सजाया गया है। दर्शन के लिए मंदिर के पट सुबह चार बजे से खुले जाएंगे। दर्शनार्थियों की बड़ी संख्या को देखते हुए मंदिर और जिला प्रशासन ने व्यवस्थाएं संभाल ली हैं। यहां बता दे इस मंदिर के पट सिर्फ महाशिवरात्रि पर्व पर ही चौबीस घंटे खुले रहते हैं।
जल पात्र से ही ज्योतिर्लिंग तक पहुंचेगा जल
मंदिर ट्रस्ट के सहायक कार्यपालन अधिकारी अशोक महाजन तथा व्यवस्थापक आशीष दीक्षित ने बताया महाशिवरात्रि पर्व पर भीड़ को देखते हुए नंदी हाल में जल पात्र लगाया जाएगा। श्रद्धालु पात्र में जल डाल सकेंगे, जो ज्योतिर्लिंग तक पहुंचेगा। फूल प्रसादी भी बाहर ही चढ़ानी होगी। श्रद्धालु लाइन में जाकर ज्योतिर्लिंग दर्शन कर सकेंगे। व्यस्थाओं को लेकर प्रशासन के साथ संपर्क बना हुआ है।
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शिव महापुराण कथा में बंटेंगे 11 हजार रुद्राक्ष
शिव महापुराण कथा में 11 हजार रुद्राक्ष बांटे जाएंगे। इसके लिए व्यवस्थाएं हर साल की तरह रहेंगी। महाशिवरात्रि के अगले दिन रविवार (19 फरवरी) अवकाश तथा सोमवार (20 फरवरी) को सोमवती अमावस्या होने से तीन दिन तक मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ होन की संभावना है। नगर परिषद और पुलिस प्रशासन भी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद करने में जुट गया है। ज्योतिर्लिंग मंदिर के अलावा नगर के अन्य मंदिरों में भी पर्व को लेकर तैयारी की जा रही है। महानिर्वाणी अखाड़े के महंत कैलाश भारती के मार्गदर्शन में शाम 4 बजे भोले की शोभायात्रा निकाली जाएगी, वहीं अन्नपूर्णा आश्रम स्वामी सच्चिदानंद गिरी महाराज मंदिर में अभिषेक पूजन करेंगे। यहां फलाहारी भंडारा आयोजित किया जाएगा। माण्डेश्वर महादेव मंदिर में वैदिक ब्राह्मणों द्वारा महारुद्राभिषेक और आरती पूजन किया जाएगा।
पांच दिनी मेला चलेगा 20 तक
महाशिरात्रि पर ओंकारेश्वर में पांच दिनी मेला आयोजित किया जा रहा है। यह मेला 16 फरवरी से शुरू हो चुका है, जो 20 फरवरी तक चलेगा। मेले का समापन अमावस्या के दिन होगा।
पुराने पुल से होगा आवागमन, वीआईपी दर्शन और नौकायन पर रहेगी रोक
महाशिवरात्रि पर्व पर नया झूला पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण बंद रहेगा। श्रद्धालुओं का पुराने पुल से ही आवागमन करना होगा। पुल के शुरुआत में जेपी चौक पर बैरिकेडिंग कर भीड़ नियंत्रित की जाएगी। सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को पुल से मंदिर के लिए रवाना किया जाएगा। इसके अलावा
वीआईपी दर्शन तथा नर्मदा नदी में नौका विहार पर प्रतिबंध रहेगा।