Prayagraj. मध्य प्रदेश के छतरपुर में स्थित बागेश्वर धाम के महंत और कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री ने प्रयागराज में सनातनियों से आह्वान किया है। यह आह्वान है भारत को हिंदूराष्ट्र बनाने का। कोई इसे दहाड़ की संज्ञा दे रहा है तो कोई ललकार की। बता दें कि बागेश्वरधाम सरकार ने संगम में चल रहे माघ मेले में पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाई और डुबकी लगाने के बाद उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें साधु-संतों का आशीर्वाद पाने का मौका मिला है।
वे आगे बोले कि जिस पर साधुओं का आशीर्वाद रहता है, वह हमेशा झंडे गाड़ता है। वे बोले कि लोग कहते हैं संतों से होता क्या है? लेकिन मैं कहता हूं संतों से लाखों करोड़ों लोगों की रक्षा होती है। इसके बाद उन्होंने आह्वान किया कि यहां जितने सनातनी हिंदू हैं, हिंदू राष्ट्र के साथ जो भी हैं, अपने हाथ उठाएं और हिंदू राष्ट्र का बिगुल बजा दें। जातिवाद तोड़कर कहो हम एक हैं। यह बयान इसलिए भी खास है क्योंकि हाल ही में एक वर्ग विशेष द्वारा रामचरित मानस का अपमान किया गया था।
धीरेंद्र शास्त्री निर्मोही अखाड़े के संत संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा के यहां साधु-संतों से आशीर्वाद लेने आए थे, उन्होंने कहा कि मैं यहां किसी से मिलने नहीं, बल्कि सिर्फ संतों का आशीर्वाद लेने आया हूं। धीरेंद्र शास्त्री ने यहां हिंदू राष्ट्र को लेकर चलाई जा रही मुहिम के लिए सभी का समर्थन मांगा है।
इससे पहले विश्व हिंदु परिषद धीरेंद्र शास्त्री के समर्थन में खुलकर खड़ा हुआ है। वहीं उन्होंने हिंदुत्व की मजबूती के लिए आह्वान करते हुए इस पर मुहर भी लगा दी है। प्रयागराज के माघ मेले के बाद बागेश्वर धाम सरकार कुछ दूरी पर मां शीतला कृपा महोत्सव में श्रद्धालुओं को कथा भी सुनाएंगे।
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कई लोगों की घरवापसी कराकर आए विवादों में
बता दें कि पं. धीरेंद्र शास्त्री ने दमोह और रायपुर में सैकड़ों धर्मातरण कर चुके लोगों को पुनः हिंदू धर्म में वापसी कराई थी, कहा जाता है कि इसी के बाद से वे कतिपय मिशनरियों के निशाने पर आ गए। नागपुर की अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने भी उन पर ढोंगी और पाखंडी होने के आरोप लगाए थे। समिति ने आरोप लगाया था कि वे दिव्य दरबार और प्रेत दरबार के जरिए जादूटोना और अंधविश्वास को बढ़ावा दे रहे हैं।
अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने शास्त्री को चुनौती भी दी थी कि यदि वे उनके बताए लोगों का पर्चा बनाऐंगे और उसकी जानकारी सही होगी तो समिति उनको 30 लाख रुपए देगी। समिति ने उनके दरबार को कानून का उल्लंघन भी करार दिया था और पुलिस को शिकायत सौंपी थी। हालांकि वहां की पुलिस ने शास्त्री को क्लीन चिट दे दी थी।
इस सब के बाद धीरेंद्र शास्त्री ने अपने लाइव दरबार में कुछ पत्रकारों का पर्चा बनाया और ऐलान कर दिया था कि वे अब किसी को अपनी सफाई नहीं देंगे। जिसे जो कहना है कहता रहे। उन्होंने बार-बार यह कहा था कि वे जो भी करते हैं भगवान बालाजी की कृपा के चलते करते हैं।